गुजरात के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस का संगठन सृजन अभियान तेज!

गुजरात के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस का संगठन सृजन अभियान तेज!

गुजरात के बाद मध्यप्रदेश के 60 जिलों में चल रही कवायद: कांग्रेस का संगठन सृजन अभियान

हाल ही में, कांग्रेस पार्टी ने मध्यप्रदेश में अपनी संगठनात्मक ताकत को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। यह अभियान मुख्य रूप से गुजरात के बाद मध्यप्रदेश में 60 जिलों में चल रहा है। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य स्थानीय स्तर पर पार्टी की स्थिति को मजबूत करना है। नेता प्रतिपक्ष की इच्छानुसार, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के पर्यवेक्षक उज्जैन जिले में सक्रिय हैं, जो पार्टी के लिए प्रभावी नेताओं की पहचान कर रहे हैं।

अभियान का उद्देश्य और तैयारी

रागिनी नायक, जो एक एआईसीसी प्रवक्ता और उज्जैन में पर्यवेक्षक हैं, ने इस अभियान की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में इस संगठन सृजन अभियान का मकसद स्थानीय स्तर पर पार्टी की कार्यशक्ति को बढ़ाना और कार्यकर्ताओं की राय लेकर योग्य नेताओं को चिन्हित करना है। यह प्रक्रिया 16 जून तक चलेगी, और पर्यवेक्षक काम के समापन से पहले शीर्ष नेताओं, कार्यकर्ताओं और स्थानीय प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श करेंगे।

कार्यवाही की प्रक्रिया

इस आयोजन की विशेषता यह है कि एक जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें आम लोगों, पार्टी कार्यकर्ताओं और संभावित नेताओं से सीधी राय ली जा रही है। इसे अलग-अलग स्थानों पर विभिन्न समय पर आयोजित किया जाएगा:

  • 11 जून: दौलतगंज-सराफा ब्लॉक के कार्यकर्ताओं से चर्चा। शाम 6 से 10 बजे तक जीवाजीगंज ब्लॉक में बातचीत।
  • 12 जून: सुबह 11 से 3 बजे तक माधवनगर ब्लॉक में चर्चा। शाम 6 से 10 बजे तक इंदिरानगर उपब्लॉक में बातचीत।
  • 13 जून: सुबह 11 से 3 बजे तक अंबेडकरनगर ब्लॉक। शाम 6 से 10 बजे तक शास्त्रीनगर में चर्चा।
  • 14 जून: सुबह 11 से 3 बजे तक शहर के दावेदारों से चर्चा। शाम 4 से 8 बजे तक विभिन्न संगठनों से फीडबैक लिया जाएगा।
  • 15 जून: सुबह 11 से 3 बजे तक वरिष्ठ नेताओं से चर्चा। शाम 5 से 9 बजे तक विभिन्न समाज और संस्थाओं के प्रतिनिधियों से संवाद।
  • 16 जून: सुबह 11 से 3 बजे तक विभिन्न पर्यवेक्षक, जिलाध्यक्षों और जिला प्रभारी से संवाद कर अंतिम रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

मध्यप्रदेश में पार्टी की स्थिति

मध्यप्रदेश में कांग्रेस की स्थिति पिछले कुछ सालों में चुनौतीपूर्ण रही है। 2018 में राज्य में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की थी, लेकिन उससे पहले पार्टी को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। अब, पारदर्शी और सशक्त संगठन के जरिये, कांग्रेस अपने आधार को मजबूत करने की कोशिश कर रही है, जिससे वह आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर सके।

इस अभियान का एक मुख्य पहलू यह है कि पार्टी जमीन पर काम कर रहे युवा कार्यकर्ताओं और संभावित नेताओं की पहचान करेगी, जो न केवल पार्टी के लिए नए विचार ला सकते हैं, बल्कि आगामी चुनावों के लिए भी मजबूत उम्मीदवार साबित हो सकते हैं।

निष्कर्ष

गुजरात के बाद मध्यप्रदेश में चल रहा यह संगठन सृजन अभियान निश्चित रूप से कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल पार्टी के भीतर एकता और सामंजस्य को बढ़ावा देगा, बल्कि कार्यकर्ताओं के बीच के संपर्क को भी प्रगाढ़ करेगा। आगामी दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह अभियान कांग्रेस की चुनावी तैयारियों में कैसे योगदान करता है और क्या यह पार्टी को मध्यप्रदेश में फिर से एक मजबूत स्थिति में लाने में सक्षम होगा।

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