दिल्ली में घर बनाने के नए नियम: जानें क्या होंगे बदलाव और जरूरी प्रक्रियाएँ!
दिल्ली में घर बनाना अब पहले जैसा आसान नहीं रहा। हाल ही में दिल्ली सरकार ने घर बनाने के नियमों में बदलाव किए हैं, जिससे अब सभी को कुछ जरूरी प्रक्रियाओं का सामना करना होगा। पहले लोग समझते थे कि घर बनाने के लिए पुलिस की परमिशन लेनी जरूरी होती है, लेकिन अब सरकार ने साफ कर दिया है कि पुलिस की इजाजत की कोई आवश्यकता नहीं है। अब सभी काम नगर निगम (MCD) और अन्य स्थानीय निकायों के द्वारा ही संपादित किए जाएंगे।
इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य घर बनाने की प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी और सुलभ बनाना है ताकि लोग बेवजह की परेशानियों और भ्रष्टाचार से बच सकें। अब घर बनाने के लिए सही दस्तावेज, डिजाइन की मंजूरी, और पर्यावरण एवं सुरक्षा से जुड़े नियमों का पालन करना अनिवार्य है। तो चलिए, हम विस्तार से जानते हैं कि दिल्ली में घर बनाने के लिए आपको कौन-कौन से कदम उठाने होंगे और नए नियम क्या हैं।
दिल्ली में घर बनाने की प्रक्रिया – एक संक्षिप्त नजर
पॉइंट | जानकारी |
मुख्य संस्था | नगर निगम दिल्ली (MCD), DDA, NDMC, DCB |
पुलिस परमिशन | अब जरूरी नहीं |
नक्शा पास करवाना | जरूरी (105 वर्गमीटर से ऊपर) |
ऑनलाइन आवेदन | सिंगल विंडो सिस्टम से |
मंजूरी का समय | 10-30 दिन (रिस्क के हिसाब से) |
पर्यावरण नियम | जरूरी (ग्रीन बिल्डिंग, पानी की बचत आदि) |
सेटबैक/ओपन स्पेस | नियमानुसार अनिवार्य |
फीस और चार्ज | प्लॉट साइज व टाइप के अनुसार |
परमिट वैधता | 5 साल (रिन्यूअल जरूरी) |
अवैध कॉलोनी | रेगुलराइज्ड कॉलोनी में ही मंजूरी संभव |
बेसमेंट निर्माण | नियमों के अनुसार सीमित |
दिल्ली में घर बनाने के नए नियम
दिल्ली में घर बनाने के लिए अब आपको कई महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे। नए नियम निम्नलिखित हैं:
- पुलिस परमिशन की आवश्यकता नहीं: अब किसी भी प्रकार की पुलिस अनुमति की आवश्यकता नहीं है। यह जिम्मेदारी पूरी तरह से MCD और अन्य स्थानीय निकायों की है।
- नक्शा पास करवाना: 105 वर्गमीटर से बड़े प्लॉट के लिए बिल्डिंग प्लान पास करवाना अनिवार्य है।
- ऑनलाइन प्रक्रिया: अब आपको विभिन्न विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। एक ही ऑनलाइन फॉर्म भरकर आप सभी मंजूरियां प्राप्त कर सकते हैं।
- पर्यावरण नियम: 105 वर्गमीटर से बड़े प्लॉट के लिए ग्रीन बिल्डिंग नियमों का पालन आवश्यक है।
- सेटबैक और ओपन स्पेस: हर प्लॉट के लिए सामान्य नियमों के अनुसार ओपन स्पेस और सेटबैक का होना चाहिए।
- फीस और चार्ज: मंजूरी के लिए फीस प्लॉट के साइज, टाइप और लोकेशन के अनुसार निर्धारित की जाती है।
दिल्ली में घर बनाने की प्रक्रिया
दिल्ली में घर बनाने के लिए आपको निम्नलिखित प्रक्रियाओं का पालन करना होगा:
- बिल्डिंग प्लान बनवाएं: किसी रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट या इंजीनियर से प्लान बनवाएं।
- ऑनलाइन आवेदन करें: MCD की वेबसाइट पर जाकर आवेदन फॉर्म भरें।
- जरूरी दस्तावेज अपलोड करें: जैसे कि जमीन के कागजात और आर्किटेक्ट का लाइसेंस।
- फीस जमा करें: प्लॉट साइज और टाइप के अनुसार फीस ऑनलाइन जमा करें।
- NOC और अन्य मंजूरी: प्लॉट पर मौजूद विशेष शर्तों के अनुसार संबंधित विभाग से NOC लें।
- मंजूरी का इंतज़ार करें: 10-30 दिनों के भीतर मंजूरी मिल जाती है।
- निर्माण शुरू करें: मंजूरी मिलने के बाद ही निर्माण प्रक्रिया को आरंभ करें।
कोई भी कदम उठाने से पहले ध्यान रखें
- अवैध कॉलोनियाँ: केवल रेगुलराइज्ड कॉलोनी में ही नक्शा पास होता है।
- समय पर प्रमाणपत्र और शुल्क जमा करें: सुनिश्चित करें कि सभी दस्तावेज सही और समय पर सम्मिलित किए गए हैं।
- नियमों का पालन करें: सभी नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना हो सकता है।
- पर्यावरण मंजूरी: बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए पर्यावरण विभाग से मंजूरी जरूरी है।
निष्कर्ष
दिल्ली में घर बनाना अब पहले से ज्यादा पारदर्शी और सुरक्षित हो गया है, लेकिन साथ ही नियमों का पालन करना भी अनिवार्य हो गया है। जहाँ अब पुलिस परमिशन की आवश्यकता नहीं है, वहीं नगर निगम और अन्य विभागों से मंजूरी लेना बहुत जरूरी है। नए नियमों के साथ, अगर आप सभी जरूरी दस्तावेज और मंजूरी समय पर लेते हैं, तो घर बनाना अब भी आसान होगा।
Disclaimer: यह जानकारी केवल गाइडेंस के लिए है। घर बनाने से पहले सभी नियमों और दस्तावेजों की सही जानकारी लें। किसी भी कानूनी सलाह के लिए संबंधित विभाग या विशेषज्ञ से संपर्क करें।