RBI ने सरकार को ₹2.7 लाख करोड़ का लाभांश दिया, इसके राज़ जानें!
RBI Profit: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में केंद्र सरकार को रिकॉर्ड ₹2.7 लाख करोड़ का लाभांश देने की घोषणा की है। यह खबर न केवल वित्तीय जगत में, बल्कि आम जनता के लिए भी एक बड़ी राहत मानी जा रही है। लेकिन इस लाभांश का स्रोत क्या है? अधिकांश लोगों को यह नहीं पता कि RBI कितना मुनाफा कमाता है और वह कमाई किस तरह संभव होती है। आइए, इस विषय पर गहराई से विचार करें।
RBI का उद्देश्य और उसकी कमाई के स्रोत
यह सच है कि RBI का मुख्य उद्देश्य मुनाफा कमाना नहीं है। फिर भी, यह कई मौद्रिक गतिविधियों और निवेशों के जरिए काफी बड़ी आय अर्जित करता है। इसका एक हिस्सा हर साल केंद्र सरकार को लाभांश के रूप में दिया जाता है। आइए इस प्रक्रिया के प्रमुख स्रोतों पर नज़र डालते हैं।
1. विदेशी मुद्रा लेन-देन
RBI विदेशी मुद्रा बाजार में स्थिरता बनाए रखने के लिए डॉलर जैसी विदेशी मुद्राओं की खरीद-फरोख्त करता है। जब डॉलर की कीमतों में गिरावट आती है, RBI उसे खरीदता है, और जब डॉलर महंगा होता है, तो उसे बेचकर मुनाफा कमाता है। इस गतिविधि के जरिए RBI को भारी लाभ होता है, खासकर तब जब भारतीय रुपया कमजोर होता है। इस प्रकार की लेन-देन से बाजार में स्थिरता भी आती है।
2. सरकारी बॉंड से ब्याज की आय
RBI, भारत सरकार का बैंकर भी है और वह सरकारी बॉंड्स जारी कर बाजार से कर्ज जुटाता है। ये बॉंड्स देश के विकास के लिए आवश्यक हैं, लेकिन इन पर मिलने वाला ब्याज भी RBI की आय का प्रमुख स्रोत बनता है। उदाहरण के लिए, वर्ष 2024-25 में, RBI ने सरकार को ₹2.69 लाख करोड़ का लाभांश दिया, जो राजकोषीय घाटा घटाने और नीतिगत उपायों में सहूलियत का काम करता है।
3. नोट छापने की प्रक्रिया
RBI ही देश में मुद्रा छापने का एकमात्र प्राधिकृत संस्थान है। जब RBI एक ₹500 का नोट छापता है, तो उसकी लागत लगभग ₹3-4 रुपये होती है, जबकि उसका मूल्य ₹500 होता है। इस मूल्य और लागत के अंतर से RBI को अतिरिक्त लाभ प्राप्त होता है।
4. निवेश और स्वर्ण भंडार से लाभ
RBI अपनी आय को बढ़ाने के लिए विदेशी बॉन्ड, अमेरिकी ट्रेजरी और सोने के भंडार में भी निवेश करता है। जब इन संपत्तियों की कीमतें बढ़ती हैं, तो RBI को अच्छा मुनाफा होता है। विशेष रूप से सोने की कीमतों में वृद्धि की स्थिति में RBI के लिए यह एक अच्छा आय स्रोत बनता है।
5. आकस्मिक जोखिम बफर (CRB)
RBI हर साल अपनी कमाई का एक हिस्सा Contingency Risk Buffer (CRB) के रूप में सुरक्षित रखता है। यह कोष आर्थिक संकट या आपातकालीन परिस्थितियों में उपयोग किया जाता है। 2019 में बिमल जालान समिति ने इसे 5.5% से 6.5% तक रखने की सिफारिश की थी, जिसे बढ़ाकर 7.5% कर दिया गया है। हालांकि, इस प्रक्रिया के बावजूद RBI ने सरकार को रिकॉर्ड लाभांश देने में सफल रहा।
सरकार को RBI से प्राप्त लाभांश का महत्व
RBI से मिलने वाला लाभांश सरकार के नीतिगत निर्णयों और आर्थिक स्थिरता के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इससे सरकार के राजकोषीय घाटे को कम किया जा सकता है और उन्हें कम कर्ज लेने की आवश्यकता होती है। इसके परिणामस्वरूप, बाजार में ब्याज दरों में कमी का अनुमान लगाया जा सकता है, जिससे ऋण और ईएमआई सस्ते हो सकते हैं। यह आम जनता के लिए भी राहत का कारण बनता है।
एक सारांश के रूप में, RBI की आय स्रोत विभिन्न हैं, लेकिन सभी का केंद्र एक ही है: देश की आर्थिक स्थिरता और विकास। RBI का यह योगदान न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्व रखता है, बल्कि यह समाज को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। RBI का लाभांश जारी करना देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सभी के लिए लाभकारी हो सकता है।