उज्जैन के आरोग्य मंदिर में आयुर्वेद से मिल रहा है स्वस्थ जीवन का संजीवनी!

आरोग्य मंदिर: आयुर्वेद का एक नई दिशा
उज्जैन, मध्यप्रदेश में स्थापित 24 आरोग्य मंदिरें, ग्रामीणों के लिए आयुर्वेद चिकित्सा का एक उत्कृष्ट उदहारण बन चुकी हैं। इन मंदिरों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य है, गांवों में रहते हुए लोगों को उच्च गुणवत्ता जैसी चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना, जो अक्सर संसाधनों के अभाव में मयस्सर नहीं हो पाती।
पंचकर्म का असर
गांव के दोन्ता जागीर में स्थित आरोग्य मंदिर में, गायत्री मंत्र की गूंज के बीच ग्रामीणों का पंचकर्म से इलाज किया जा रहा है। यह प्रक्रिया शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करती है।
- डायबिटीज की जांच: ग्रामीणों को पैथोलॉजी लेब में जाकर जांच कराने की जरूरत नहीं है। अब यहां हीमोग्लोबिन सहित कई अन्य स्वास्थ्य परीक्षण किए जाते हैं।
- निःशुल्क आयुर्वेद दवाएं: 80 विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक दवाएं मुफ्त में दी जाती हैं, ताकि ग्रामीणों को दवाइयों के लिए शहर की ओर भागना न पड़े।
- टेलीमेडिसिन: इन मंदिरों को ऑनलाइन जोड़ा गया है, जिससे दूर बैठकर भी लोग अपने स्वास्थ्य की समस्याओं का समाधान पा सकते हैं।
ग्रामीणों की कहानियाँ
आरोग्य मंदिर के खुलने से केवल चिकित्सा ही नहीं, बल्कि ग्रामीणों का जीवन भी बेहतर हुआ है। उदाहरण के लिए:
- धन्नूबाई का अनुभव: धन्नूबाई को लाइफोमा हो गया था, जिसका आकार 5 सेमी था। आयुर्वेद के माध्यम से उनकी समस्या को हल किया गया।
- कमलसिंह राजपूत: उन्होंने बताया कि अब घुटने की तकलीफ के कारण उन्हें शहर नहीं जाना पड़ता।
योग और आयुर्वेद का संदेश
इन आरोग्य मंदिरों की बाउंड्री वॉल पर भी स्वास्थ्य और योग के संदेश लिखे गए हैं, जिससे आने जाने वालों को स्वास्थ्य के बारे में जानकारियाँ मिलें। परिसर में औषधि महत्व के 16 पौधे भी लगाए गए हैं, जिनके साथ QR कोड भी दिए गए हैं ताकि लोग पौधों के उपयोग के बारे में आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकें।
आर्थिक एवं सामाजिक स्वास्थ्य
यह आरोग्य मंदिर केवल स्वास्थ्य का सुधार नहीं कर रहे, बल्कि ग्रामीणों को आर्थिक रूप से भी मजबूत बना रहे हैं। अब, बड़ी बीमारियों के होने पर भी वे तुरंत इलाज प्राप्त कर रहे हैं, जिससे समय और धन दोनों की बचत हो रही है।
इन आरोग्य मंदिरों का निर्माण और संचालन यह दर्शाता है कि कैसे हमारी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियाँ आधुनिक तकनीकों के साथ मिलकर एक मजबूत और समृद्ध स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण कर सकती हैं। उज्जैन के इन उदाहरणों से सीख लेकर, अन्य क्षेत्रों में भी इस प्रकार के केंद्रों की आवश्यकता महसूस होनी चाहिए।