धोखाधड़ी की शादी: दूल्हे ने 10 लाख ठगकर महिलाओं को बनाया शिकार!
विधि-विधान से शादी की, विश्वास जीता और ठग लिए 10 लाख से ज्यादा, पुणे के कोथरुड़ थाने में प्रकरण दर्ज
आज सुबह जब मैंने एक ऑनलाइन समाचार पत्र में इस अनोखी धोखाधड़ी के मामले के बारे में पढ़ा, तो मैं सोच में पड़ गया कि आज के डिजिटल युग में भी लोग कितनी आसानी से ठगे जा रहे हैं। हाल ही में, पुणे के कोथरुड़ थाने में एक अजीब मामला सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति ने विधि-विधान से शादी कर एक महिला से 10 लाख रुपये से अधिक की ठगी की। यह मामला न केवल महिलाओं की भावनाओं का इस्तेमाल करने वाला है, बल्कि इसने हमें यह भी याद दिलाया है कि कैसे ठग अब स्मार्ट तरीके से धोखाधड़ी करने लगे हैं।
सचिन जगताप और उसकी ठगी की कहानी
आरोपी सचिन पिता सुरेश जगताप, जो इंदौर का निवासी है, ने ठगी की शुरुआत एक वैवाहिक साइट पर महिलाओं से बातचीत करके की। उसने सबसे पहले बड़नगर की एक तलाकशुदा नर्स को अपने जाल में फंसाया। पेशेवर व्यवसाय के झूठे दावों के साथ, उसने महिला से शादी करने का प्रस्ताव रखा। यह सिर्फ एक शुरुआत थी:
- सचिन ने शादी के बाद महिला के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए पति-पत्नी जैसा व्यवहार किया।
- फिर उसने रिसॉर्ट निर्माण की आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए महिला का विश्वास जीत लिया।
- इस बीच, सचिन ने उसे अपनी जरूरतों का हवाला देते हुए क्रेडिट कार्ड भी ले लिया।
इस प्रकार सचिन ने बड़नगर की महिला से 12 लाख रुपये ठग लिए। इसके पश्चात, उसने उज्जैन की एक विधवा महिला को भी अपने जाल में फंसाया, जिससे उसने तीन लाख रुपये और एक महंगा मोबाइल फोन ऐंठ लिया। यह सचिन की ठगने की कला को दर्शाता है, जो सिर्फ लूटने में नहीं, बल्कि भावनाओं का इस्तेमाल कर लोगों को ठगता है।
महिलाओं की भावनाओं का खेल
सचिन की ठगी का सबसे भयावह पहलू यह है कि वह महिलाओं की भावनाओं के साथ खेलता था। जैसे ही वह किसी महिला का विश्वास जीतता, वह उसे आर्थिक मदद देने के लिए मजबूर कर देता। खासतौर पर, विधवा और तलाकशुदा महिलाएँ, जो अक्सर अकेली और संवेदनशील होती हैं, उनकी भेद्यता का फायदा उठाया गया।
इसके अलावा, सचिन की पत्नी नेहा शर्मा भी इस खेल का एक हिस्सा बन गईं। उसे भी पहले सचिन ने लिव-इन में रखा था और बाद में उसकी ठगी में शामिल कर लिया। यह एक प्रमाण है कि कैसे रिश्तों में विश्वास धोखा देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
पुलिस की मुस्तैदी और कानूनी कार्रवाई
जब इस धोखाधड़ी का मामला पुलिस के पास पहुंचा, तो बड़नगर पुलिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीड़िता की काउंसलिंग की, और उसे न्याय की प्रक्रिया में विश्वास दिलाया। इसके बाद पीड़िता ने पुणे के कोथरुड़ थाने में मामला दर्ज करवाया।
पुलिस ने सचिन जगताप और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है। थाने के टीआई, अशोक पाटीदार ने बताया कि आरोपी के मोबाइल से 80 महिलाओं के चैटिंग के साक्ष्य मिले हैं। ये सभी महिलाएं शादीशुदा थीं और समाज के डर से सामने नहीं आना चाहती थीं।
निष्कर्ष
इस मामले ने हमें एक गहरी सोचने की प्रेरणा दी है—क्या हम आज भी अपने रिश्तों में इतनी बेवकूफी से विश्वास कर सकते हैं? आज की डिजिटल दुनिया में धोखाधड़ी की ये नई तकनीकें हमें सावधान करती हैं। हमें अपने भावनात्मक कमजोरियों का ध्यान रखना चाहिए और किसी भी अनजान व्यक्ति पर आसानी से विश्वास नहीं करना चाहिए।
अंततः, सचिन और नेहा के खिलाफ कानून की कार्रवाई हमें यह याद दिलाती है कि कभी-कभी अगली डोर पर धोखाधड़ी कर लोग हमारे विश्वास को चुराने के लिए तैयार होते हैं। हमें सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि हम खुद को और दूसरों को इन धोखाधड़ी के मामलों से बचा सकें।