राजस्थान में मानसून की दस्तक: जानें कब और कितनी होगी बारिश!
Rajasthan Monsoon Update: राजस्थान में भीषण गर्मी के बाद अब मौसम में एक महत्वपूर्ण बदलाव की आहट महसूस होने लगी है। प्री-मानसून बारिश ने जहां लोगों को राहत दी है, वहीं भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आगामी दिनों में मानसून की प्रगति को लेकर एक विस्तृत पूर्वानुमान जारी किया है। 20 जून को राजस्थान में मानसून के प्रवेश की संभावना है, और यह धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में फैलेगा।
नौतपा के बाद प्री-मानसून की दस्तक से राहत
नौतपा खत्म होते ही प्रदेश के कई जिलों में प्री-मानसून बारिश शुरू हो गई। इस बारिश ने तापमान को काफी हद तक नीचे गिरा दिया है। मौसम विभाग ने पहले ही 2 से 5 जून के बीच तेज बारिश, आंधी और ओलावृष्टि की चेतावनी दी थी, जो सटीक साबित हुई। इससे न केवल तापमान में गिरावट आई, बल्कि किसानों और आम लोगों को भी राहत मिली।
मौसम का बदलाव: प्री-मानसून में कहां कितनी बारिश हुई?
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2 से 5 जून के बीच राजस्थान के लगभग सभी जिलों में आंधी और हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। पूर्वी राजस्थान में औसतन 1.4 मिमी और पश्चिमी राजस्थान में 1.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। इस अवधि में सामान्यतः 0.5 मिमी बारिश होती है। इसके अतिरिक्त, ओलावृष्टि और बिजली गिरने की घटनाएं भी देखी गईं।
मानसून का आगमन: कब और कहां?
IMD के अनुसार 15 जून तक मानसून मध्य प्रदेश में प्रवेश करेगा और इसके बाद 20 जून तक राजस्थान के दक्षिणी जिलों तक इसकी पहुंच होगी। सबसे पहले बांसवाड़ा जिले में मानसून की दस्तक होगी। इसके बाद मानसून के चरणबद्ध आगमन का पूरा शेड्यूल इस प्रकार है:
तारीख | मानसून की स्थिति |
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20 जून | बांसवाड़ा |
22 जून | झालावाड़ |
25 जून | प्रतापगढ़, कोटा, डूंगरपुर, बारां, उदयपुर |
30 जून | जयपुर, अजमेर, सवाई माधोपुर, अलवर, जोधपुर |
5 जुलाई | नागौर, सीकर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, बाड़मेर, जैसलमेर |
इस बार होगी सामान्य से ज्यादा बारिश
IMD का कहना है कि इस साल राजस्थान में मानसून सामान्य से ज्यादा सक्रिय रहेगा। खासकर पश्चिमी और पूर्वी दोनों भागों में औसत से अधिक बारिश दर्ज होने की संभावना है। पूर्वानुमान के अनुसार जून से सितंबर तक प्रदेश में 115 प्रतिशत तक बारिश हो सकती है। यह अनुमान किसानों और जल संकट से जूझते इलाकों के लिए राहत लेकर आएगा।
किसानों और आमजन के लिए राहत की खबर
पिछले साल बारिश की कमी से खेती-किसानी पर असर पड़ा था। इस बार अधिक बारिश की उम्मीद से कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलने की संभावना है। राज्य सरकार ने भी मानसून पूर्व तैयारियों को तेज कर दिया है, जिसमें जल निकासी व्यवस्था, बांधों का निरीक्षण और फसल बीमा योजनाएं शामिल हैं।
मानसून से पहले बदल गया मौसम का मिजाज
हाल ही में आए पश्चिमी विक्षोभ ने राजस्थान के मौसम में अप्रत्याशित बदलाव ला दिया है। कई जिलों में तेज हवाएं, बारिश और आंधी के कारण तापमान में 5-6 डिग्री तक गिरावट दर्ज की गई। गर्मी से परेशान लोगों को इससे राहत मिली है।
मौसम की यह गतिविधियाँ न केवल किसानों के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी खुशी का कारण बनी हैं। मानसून की दस्तक से पहले ही हवा की प्रवाह, आकाश में बादलों की सजावट, और ठंडी ब Breeze हमारे बीच एक नई आशा लेकर आए हैं। इस तरह के मौसम को लेकर सभी की निगाहें 20 जून पर टिकी हुई हैं, जब राजस्थान में मानसून की आधिकारिक एंट्री होगी।