चंडीगढ़ में नशा मुक्त भारत: स्वास्थ्य सचिव की उपस्थिति में बड़ा कार्यक्रम!
नशा मुक्त भारत: चंडीगढ़ में एक क्षमता निर्माण कार्यक्रम
चंडीगढ़: हाल ही में, चंडीगढ़ प्रशासन के समाज कल्याण विभाग और स्वास्थ्य विभाग द्वारा "नशा मुक्त भारत" अभियान के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यूटी गेस्ट हाउस में आयोजित इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य सचिव अजय चगती और समाज कल्याण सचिव अनुराधा चगती की उपस्थिति ने इसे विशेष महत्व दिया।
नशा निवारण की ओर एक कदम
इस कार्यक्रम का उद्देश्य नशे और व्यसन से संबंधित समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना और चिकित्सा पेशेवरों को नशे की स्क्रीनिंग, रोकथाम और उपचार के तरीकों पर जानकारी देना था। यह कार्यक्रम विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय नशा एवं अवैध तस्करी विरोधी दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया, जो कि नशे के बढ़ते संकट का सामना करने के लिए एक urgent पाठ है।
70 चिकित्सकों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया, जिनमें आई-पॉइंट चिकित्सा पेशेवर, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के प्रतिनिधि, और आपातकालीन चिकित्सा अधिकारी शामिल थे।
कार्यक्रम की विशेषताएँ
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स्वास्थ्य क्षमता का निर्माण:
- कार्यक्रम के अंतर्गत, चिकित्सकों को नशे की बढ़ती समस्या पर गहराई से जागरूक किया गया, जिससे वे अपने दैनिक कार्यों में नशा निवारण के नए तरीकों को शामिल कर सकें।
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समझदारी से संवाद:
- कार्यक्रम में कई संवादात्मक सत्र आयोजित किए गए, जिनमें नशे की रोकथाम एवं उपचार के विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।
- जानकारी और संसाधन:
- प्रतिभागियों को MANAS हेल्पलाइन (1993) और राष्ट्रीय टोल-फ्री हेल्पलाइन (14446) जैसी सुविधाओं की जानकारी दी गई, जो कि नशा संबंधित मामलों में सहायता के लिए उपलब्ध हैं।
कार्यक्रम का महत्त्व
इस कार्यक्रम की सफलता ने चंडीगढ़ प्रशासन की नशा-मुक्त स्वास्थ्य सेवा तंत्र की दिशा में प्रतिबद्धता को और मजबूत किया। उपस्थित चिकित्सकों ने इसे न केवल जानकारीपूर्ण बल्कि उनके पेशेवर विकास के लिए उपयोगी बताया। इसके साथ ही, यह पहल समाज में नशे की समस्या को लेकर सावधानी बढ़ाने में भी सहायक होगी।
उपस्थित चिकित्सकों की प्रतिक्रियाओं का सारांश:
- सराहना: कार्यक्रम को चिकित्सकों द्वारा अत्यंत सराहा गया, जिन्होंने इसे अपने कार्य में सार्थक बदलाव लाने वाला बताया।
- उपयोगिता: चिकित्सा पेशेवरों ने जोर दिया कि ऐसे आयोजनों से न केवल उनकी जागरूकता बढ़ती है, बल्कि सामाजिक समस्याओं का समाधान निकालने में भी मदद मिलती है।
नशा मुक्त भारत की दिशा में एक कदम आगे
इस तरह के कार्यक्रम हमें यह समझाने में मदद करते हैं कि नशे की समस्या केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक स्तर पर है। चिकित्सकों और स्वास्थ्य पेशेवरों के बीच संवाद बढ़ाकर हम इस समस्या का समाधान ढूंढ सकते हैं। "नशा मुक्त भारत" अभियान को आगे बढ़ाना ही युवा पीढ़ी को सुरक्षित भविष्य की ओर ले जाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
नतीजा
नशे की इस समस्या से निपटने के लिए हमें एकजुट होकर काम करना होगा। चंडीगढ़ में आयोजित यह कार्यक्रम केवल एक शुरुआत है। उम्मीद है कि इसी तरह के और कार्यक्रम भविष्य में आयोजित किए जाएंगे, ताकि समाज का हर वर्ग नशे के दुष्प्रभावों को समझे और इससे निपटने में सक्रिय रहें।
"आइए, हम सब मिलकर एक नशा-मुक्त भारत की ओर बढ़ें।"