गुरुद्वारा शीशगंज में 350 सहज पाठों की भव्य सेवा का आरंभ, जानें पूरी कहानी!

गुरुद्वारा शीशगंज में 350 सहज पाठों की भव्य सेवा का आरंभ, जानें पूरी कहानी!

गुरुद्वारा शीशगंज में 350 सहज पाठों की आरंभ की गई सेवा

अंबाला, हरप्रीत सिंह: जिला अंबाला में गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व पर धार्मिक समागम का आयोजन किया गया। इस समागम में 350 सहज पाठों की सेवा की शुरुआत की गई। इस सेवा का उद्देश्य श्रद्धालुओं को एकजुट करना और गुरु जी के प्रति श्रद्धा अर्पित करना है। समागम का आरंभ गुरुद्वारा शीशगंज साहिब में किया गया, जहां संगत ने बड़ी श्रद्धा से भाग लिया।

सहज पाठ का महत्व

हमें पता है कि सिख धर्म में सहज पाठ का विशेष महत्व है। सहज पाठ एक तरह से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पाठ का सरल रूप है, जिसका उद्देश्य श्रद्धालुओं को गुरु की शिक्षाओं से सीधे जोड़ना है। यह पाठ श्रद्धा, भक्ति और समर्पण का प्रतीक है, और इसे घर-घर में फैलाने की जरूरत है। गुरुद्वारा शीशगंज के प्रधान टीपी सिंह ने बताया कि पहले दिन 61 परिवारों ने सहज पाठ की सेवा प्राप्त की, जो इस पहल की सफलता का संकेत है।

समागम में विशेष उपस्थित जन

समागम के दौरान कई विशिष्ट सदस्य भी मौजूद थे। इनमें ज्ञानी शेर सिंह, मेम्बर गुरतेज सिंह, और प्रितपाल सिंह जैसे लोग शामिल थे। ज्ञानी शेर सिंह ने गुरु तेग बहादुर जी के जीवन और उनके संघर्ष के बारे में बताया। उन्होंने संगत को यह प्रेरणा भी दी कि अगर हम गुरु जी पर विश्वास रखें, तो कोई भी कठिनाई हमें नहीं डिगा सकती।

गुरुद्वारा शीशगंज की सक्रियता

गुरुद्वारा शीशगंज साहिब में 350 सहज पाठों के लक्ष्य को हासिल करने के लिए उत्साह बढ़ता जा रहा है। संगत की सक्रियता इस बात को साबित करती है कि लोग अपने धर्म और संस्कृति के प्रति कितने सच्चे हैं। सेवा को लेकर शहर के अन्य गुरुद्वारों से भी अनेक फोन आए, जिससे यह स्पष्ट है कि इस प्रकार की सेवा का व्यापक प्रभाव है। टीपी सिंह ने संगत को ‘घर-घर अंदर धरमसाल’ के सिद्धांत का पालन करने के लिए प्रेरित किया।

मार्गदर्शन और प्रबंधन

इस समागम में भाग लेने वाले सभी सदस्य अपने-अपने तरीके से संगत की सेवा में लगे हुए थे। भाई बलविंदर सिंह और भाई भगवान सिंह ने संगत को पोथियों की सेवा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने संगत को बताया कि पोथियों को किस प्रकार संभालना है, ताकि कोई भी बेअदबी ना हो। इस कार्य में सावधानी बरतने पर जोर दिया गया, जिससे गुरु की उपस्थिति को सच्चे दिल से महसूस किया जा सके।

भविष्य के कार्यक्रम

समागम का अगला कार्यक्रम 21 जून को रामनगर गुरुद्वारे में होगा। टीपी सिंह ने इस अवसर पर संगत का धन्यवाद दिया और कहा कि रुचि रखने वाले सभी लोग इस समागम में भरपूर भाग लें। यह अवसर न केवल गुरु जी की शिक्षाओं को फैलाने के लिए होगा, बल्कि संगठित रूप से समाज के लिए भी महत्त्वपूर्ण होगा।

निष्कर्ष

गुरुद्वारा शीशगंज में 350 सहज पाठों की सेवा की शुरुआत एक पहल है, जो सिख धर्म की व्यापकता और उसके अनुयायियों की एकता को दर्शाती है। गुरु जी के प्रति हमारी श्रद्धा और उनके आदर्शों का पालन करने से ही हम इस सेवा को सफल बना सकते हैं। संगत की भागीदारी इस बात का सबूत है कि हम सब मिलकर अपने धर्म को जीवित रख सकते हैं। आशा है कि आगे भी ऐसी सेवाएं होती रहेंगी, जो समाज को एकजुट करने का कार्य करेंगी।

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