गाजियाबाद रेलवे स्टेशन: श्रम शक्ति एक्सप्रेस का ठहराव क्यों अनिवार्य है?

गाजियाबाद रेलवे स्टेशन: श्रम शक्ति एक्सप्रेस का ठहराव क्यों अनिवार्य है?

गाजियाबाद रेलवे स्टेशन: एक ऐतिहासिक धरोहर

गाजियाबाद रेलवे स्टेशन का इतिहास 1865-66 का है, जब इसे ईस्ट इंडिया रेलवे कंपनी द्वारा स्थापित किया गया। यह स्टेशन आज एक प्रमुख रेलवे जंक्शन बन चुका है, जिसमें 6 प्लेटफार्म और 13 ट्रैक हैं। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत यहां 337 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक विकास कार्य भी चल रहा है। हालांकि, यात्रियों में एक बड़ी चिंता बनी हुई है — श्रम शक्ति एक्सप्रेस ट्रेन का यहां ठहराव न होना।

श्रम शक्ति एक्सप्रेस का परिचय और उसका रूट

श्रम शक्ति एक्सप्रेस, कानपुर सेंट्रल से नई दिल्ली के बीच चलने वाली एक सुपरफास्ट ट्रेन है। इसकी तेज रफ्तार और सुविधाओं के कारण यह यात्रियों की पहली पसंद बन चुकी है। लेकिन गाजियाबाद जैसे व्यस्त स्टेशन पर इसका कोई स्टॉप नहीं होना अनेक यात्रियों के लिए बेहद असुविधाजनक साबित हो रहा है। इस ट्रेन का कोई ठहराव न होने के कारण यात्रियों को नई दिल्ली जाकर इसे पकड़ना पड़ता है, जिससे उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

यात्रियों पर पड़ता है आर्थिक और समय का बोझ

गाजियाबाद और नोएडा के हजारों यात्री इस ट्रेन से यात्रा करते हैं। लेकिन ट्रेन के यहां न रुकने के कारण यात्रियों को नई दिल्ली की ओर जाना पड़ता है। इससे न केवल आर्थिक बोझ बढ़ता है, बल्कि समय की भी बर्बादी होती है। यात्री अक्सर टैक्सी खर्च, यातायात जाम, और ट्रेन छूटने की समस्याओं का सामना करते हैं। कई लोग ट्रेन से उतरने के बाद निजी वाहन से गाजियाबाद लौटने को मजबूर होते हैं।

गाजियाबाद और नोएडा के यात्रियों की प्रमुख मांग

गाजियाबाद एक प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र के रूप में उभरा है, और यहां का रेलवे स्टेशन उत्तर भारत के महत्वपूर्ण जंक्शनों में से एक है। नोएडा के यात्रियों के लिए गाजियाबाद पहुंचना सुविधाजनक है, लेकिन श्रम शक्ति एक्सप्रेस का यहां ठहराव न होना सभी के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। स्थानीय लोग इस ठहराव को अनिवार्य मानते हैं ताकि हजारों यात्रियों को सीधे लाभ मिल सके।

स्थानीय निवासियों की राय

  • उमेश ठाकुर, एक स्थानीय निवासी, कहते हैं, “हमारे परिचित जब इस ट्रेन से आते हैं तो हमें उन्हें दिल्ली स्टेशन से लेने जाना पड़ता है। अगर गाजियाबाद में ठहराव हो जाए, तो यह समस्या खत्म हो जाएगी।”
  • सुदीप साहू ने कहा, “हम काफी समय से इस ठहराव की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर हम गाजियाबाद के सांसद और रेल मंत्री तक अपनी बात पहुंचाएंगे।”
  • एम.के. अग्रवाल का मानना है कि “गाजियाबाद दिल्ली का गेटवे है, और यहां से हजारों यात्री रोज आते-जाते हैं। इस ट्रेन का ठहराव यहां जरूरी है।”
  • गोपाल सिंह का कहना है, “अगर श्रम शक्ति एक्सप्रेस गाजियाबाद में रुकेगी, तो यात्रियों की यात्रा ज्यादा सुविधाजनक और सस्ती हो जाएगी।”

क्या रेलवे करेगा लोगों की मांगों पर विचार?

रेलवे प्रशासन को चाहिए कि वह लोगों की इस लंबी समय से चली आ रही मांग को गंभीरता से ले। जब स्टेशन को 337 करोड़ रुपये खर्च कर विकसित किया जा रहा है, तो सुपरफास्ट ट्रेनों के ठहराव को लेकर भी योजनाएं बनाई जानी चाहिए। श्रम शक्ति एक्सप्रेस का ठहराव न केवल गाजियाबाद बल्कि नोएडा के यात्रियों के लिए भी बड़ी राहत साबित होगा।

बढ़ती आवाज़ और भविष्य की उम्मीद

गाजियाबाद में श्रम शक्ति एक्सप्रेस के ठहराव की मांग अब राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी जोर पकड़ रही है। स्थानीय नेता और निवासी इसे लेकर अपनी आवाज को उठा रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि रेलवे प्रशासन इस पर सकारात्मक निर्णय लेगा।

यात्रियों के साथ-साथ स्थानीय निवासियों की उम्मीद है कि गाजियाबाद को इस सुविधा का लाभ मिल सकेगा, जिससे न केवल उन्हें राहत मिलेगी, बल्कि यातायात की समस्या भी कम होगी।

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