ईरान-इजरायल युद्ध: ऑपरेशन सिंधु से 1117 भारतीय सुरक्षित लौटे घर
ईरान-इजरायल संघर्ष और भारत का आपरेशन सिंधु
हाल ही में, ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव ने न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित किया है बल्कि भारतीय नागरिकों को भी संकट में डाल दिया है। भारतीय सरकार ने इस स्थिति में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ‘आपरेशन सिंधु’ की शुरुआत की, जिसके तहत 1,117 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया। यह आपरेशन विशेष रूप से उन छात्रों के लिए है जो ईरान में पढ़ाई कर रहे थे।
ईरान का एयरस्पेस खोलना
ईरान ने अपने एयरस्पेस से प्रतिबंध हटाते हुए भारत में विद्यमान लगभग 1,000 नागरिकों को सुरक्षित निकालने की अनुमति दी। इन नागरिकों में अधिकतर छात्र शामिल हैं, जो विशेष रूप से ईरानी विश्वविद्यालयों में अध्ययन कर रहे थे। ईरान के एयरलाइंस माहान ने इस निकासी मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और भारत सरकार ने उनके द्वारा चार्टर flights की व्यवस्था की।
- पिछले हफ्ते, 407 भारतीय नागरिकों को अलग-अलग उड़ानों के माध्यम से स्वदेश लाया गया।
- एक चार्टर फ्लाइट ने 290 लोगों को ईरान की राजधानी तेहरान से मशहद पहुंचाया और फिर उन्हें भारत लाने की प्रक्रिया की।
- नई दिल्ली पहुँचते ही, कई नागरिक भावनात्मक हो गए और ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाने लगे।
आपरेशन सिंधु की जानकारी
आपरेशन सिंधु का मुख्य उद्देश्य जरूरतमंद भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वतन लौटाने का है। इस आपरेशन के तहत ईरान से निकाले गए नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है:
- पहली लहर: 19 जून को दोहा और आर्मेनिया के रास्ते 110 छात्रों को भारत लाया गया।
- दूसरी लहर: 22 जून को 290 नागरिकों को वापस लाया गया, जिनमें से 190 कश्मीरी छात्र थे।
- तीसरी लहर: इसके बाद 310 नागरिकों को लेकर एक और फ्लाइट दिल्ली पहुँच गई।
ईरानी दूतावास का सहयोग
ईरानी दूतावास ने इस संकट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मिशन के उप प्रमुख मोहम्मद जवाद हुसैनी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो आगे और उड़ानें संचालित की जा सकती हैं। उनकी मदद से भारत ने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए तत्परता दिखाई।
भावनाएं और प्रतिक्रिया
स्वदेश लौटने पर कई नागरिकों की आंखों में आंसू थे, और उन्होंने धन्यवाद करते हुए जमीन पर माथा टेका। यह स्थिति न केवल उन नागरिकों के लिए बल्कि उनके परिवारों के लिए भी राहत का समय था।
ये हालात दिखाते हैं कि कैसे अंतरराष्ट्रीय संकटों के बीच सहयोग और समझ का महत्व बढ़ जाता है। भारत सरकार का यह आपरेशन न केवल एक मानवीय पहल है बल्कि यह देश की सामरिक और कूटनीतिक स्थिति भी मजबूत करता है।
निष्कर्ष
ईरान-इजरायल संघर्ष का प्रभाव सिर्फ सैन्य स्तर पर नहीं बल्कि आम नागरिकों पर भी पड़ता है। भारत ने ‘आपरेशन सिंधु’ के माध्यम से यह दिखा दिया है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा के प्रति गंभीर है। इस प्रकार के ऑपरेशनों से यह स्पष्ट होता है कि किस तरह से देशों के बीच राजनयिक संबंधों को ठोस आधार मिल सकता है।
इस संकट के तुरंत बाद, इसे सामान्य स्थिति में लाने के लिए भारत और ईरान के बीच संवाद और सहयोग महत्वपूर्ण रहेगा। हमें उम्मीद है कि आगे चलकर इस तरह के संकटों का सामना करने के लिए भारत और अन्य देश सामूहिक प्रयास करेंगे।
इस तरह के ऑपरेशनों के लिए जागरूकता बढ़ाना और सही समय पर उचित कार्रवाई करना ही सही सलाह है।