गुरुग्राम में गौशालाओं के विकास के लिए नगर निगम की नई पहल!
गौशाला विकास योजना: गुरुग्राम (मानेसर) में नगर निगम अब गौशालाओं के विकास में सक्रिय रूप से शामिल होगा। इस प्रयास के अंतर्गत मानेसर क्षेत्र की गौशालाओं में टीन शेड, अस्थायी बाउंड्री और पानी के ट्यूबवेल लगाए जाएंगे। इसके साथ ही, हरियाणा गौ सेवा आयोग द्वारा पंजीकृत गौशालाओं को लंबितpayments का आश्वासन भी दिया गया है।
आयुक्त आयुष सिन्हा की बैठक और चुनौतियां
बुधवार को नगर निगम आयुक्त आयुष सिन्हा ने मानेसर निगम क्षेत्र में संचालित सभी गौशालाओं के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में गौशाला संचालकों ने अपने-अपने संस्थानों की वर्तमान स्थिति और चुनौतियों को विस्तार से बताया। आयुक्त ने उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना और सकारात्मक सहयोग का भरोसा दिया। यह बैठक बताती है कि प्रशासनिक पक्ष ने मवेशियों की देखभाल को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है।
आर्थिक सहयोग की नई योजनाएँ
हरियाणा गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष पूरन सिंह ने बताया कि आयोग विभिन्न तरीकों से गौशालाओं की सहायता कर रहा है। आर्थिक सहायता की दरें निम्नलिखित हैं:
- छोटे बेसहारा गौवंश के लिए ₹300 प्रति पशु
- गायों के लिए ₹600 प्रति पशु
- नंदी के लिए ₹800 प्रति पशु
यह आर्थिक सहयोग गौशालाओं को बेसहारा और बीमार गायों के लिए भोजन, इलाज और देखभाल की जिम्मेदारी निभाने में मदद करेगा। इस प्रकार की योजनाएँ न केवल पशुओं के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए भी एक सकारात्मक प्रभाव डालेंगी।
बिजली सब्सिडी का लाभ
पूरन सिंह ने बताया कि पंजीकृत गौशालाओं को अब ₹2 प्रति यूनिट की दर पर बिजली मिल रही है। इससे बिजली बिल का बोझ कम होगा और गौशालाएं अधिक संसाधन अपने संचालन में लगा सकेंगी। यह कदम न केवल आर्थिक राहत देने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह ऊर्जा संरक्षण में भी सहायता प्रदान करेगा।
नई सुविधाओं का विकास
हरियाणा गौ सेवा आयोग गौशालाओं में खाद निर्माण संयंत्र (manure plant), ई-रिक्शा, टीन शेड और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में योजनाएं बना रहा है। इससे स्वच्छता, स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा। इस तरह के नवाचार गौशालाओं को आधुनिकतम बनाने में मदद करेंगे और कार्यप्रणाली को बेहतर बनाएंगे।
पुराने बिजली बिलों पर विशेष समिति का गठन
बैठक के दौरान मानेसर और कसान गांवों की गौशालाओं के पुराने बिजली बिलों के भुगतान को लेकर भी चर्चा हुई। इस संदर्भ में निगम द्वारा एक विशेष समिति गठित की जाएगी, जो बकाया बिलों का परीक्षण करेगी। समिति की रिपोर्ट के आधार पर मुख्यालय से बजट की स्वीकृति लेकर भुगतान किया जाएगा। इस कदम से गौशालाओं को वित्तीय सहायता मिलेगी।
गौशालाओं का विकास और नए कदम
आयुक्त आयुष सिन्हा ने बैठक में स्पष्ट किया कि मानेसर गौशाला में लोहे का टीन शेड, अस्थायी बाउंड्री और पानी के लिए ट्यूबवेल लगाए जाएंगे। इससे गौवंश को गर्मी और मानसून में अधिक सुरक्षा और स्वच्छ पेयजल की सुविधा मिल सकेगी। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो निश्चय ही गौशालाओं की स्थिति को सुधारने में सहायक होगा।
स्थानीय स्तर पर सकारात्मक प्रतिक्रिया
बैठक के बाद गौशाला प्रतिनिधियों ने निगम और आयोग के प्रयासों की सराहना की और आगे के सहयोग की उम्मीद जताई। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि सरकार इस सहयोग को नियमित और पारदर्शी तरीके से जारी रखे, ताकि गौवंश की देखभाल में निरंतरता बनी रहे। इस प्रकार की संयुक्त पहलों से न केवल गौशालाओं को बल मिलेगा, बल्कि समग्र समाज में पशु कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव आएगा।
अंततः, गौशाला विकास योजना नगर निगम और हरियाणा गौ सेवा आयोग की ओर से उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे मानेसर के क्षेत्र में गौशालाओं को आवश्यक सुविधाएँ और राहत मिलेगी, और यह सुनिश्चित होगा कि बेसहारा गायों को बेहतर जीवन मिले। यह एक सकारात्मक दिशा में एक नया अध्याय है, जिसका लाभ न केवल पशुओं को, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को भी होगा।