डीएवी शताब्दी स्कूल के खिलाड़ियों ने खेलों इंडिया यूथ गेम्स में मचाई धूम!

डीएवी शताब्दी स्कूल के खिलाड़ियों ने खेलों इंडिया यूथ गेम्स में मचाई धूम!


Jind News : डीएवी शताब्दी  पब्लिक स्कूल के खिलाडिय़ों का खेलों इंडिया यूथ गेम्स में रहा दबदबा
प्रतियोगिता में विजेता रहे बच्चों को सम्मानित करते हुए।

(Jind News) जींद। हाल ही में आयोजित खेलों इंडिया यूथ खेलों ने सभी खेल प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इस बार खेलों का आयोजन बिहार के राजगीर जिले में 11 से 16 मई के बीच हुआ। इस प्रतियोगिता में डीएवी शताब्दी पब्लिक स्कूल के चार प्रतिभाशाली खिलाडियों ने अपनी शानदार खेल क्षमता का प्रदर्शन करते हुए 6 पदक जीते, जिससे विद्यालय का नाम रोशन हुआ।

डीएवी शताब्दी पब्लिक स्कूल के खिलाड़ियों की सफलता

प्राचार्या रश्मि विद्यार्थी ने विजेता खिलाड़ियों की उपलब्धियों को साझा करते हुए बताया कि:

  • प्राची: फॉयल इवेंट में एकल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया और टीम प्रतियोगिता में भी प्रथम स्थान हासिल किया।
  • दीपांशी: ईपी इवेंट में एकल प्रतियोगिता में तृतीय स्थान प्राप्त किया। टीम प्रतियोगिता में भी उन्होंने प्रथम स्थान जीता।
  • खुशी और सक्षम: ईपी इवेंट में टीम प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

पुरस्कार वितरण और सरकार की पहल

सरकार ने इन विजेता खिलाड़ियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है:

स्थान नकद राशि
प्रथम 50,000 रुपये
द्वितीय 40,000 रुपये
तृतीय 30,000 रुपये

परिवार और कोच का योगदान

विजेता खिलाडियों के परिवार और कोच, जैसे कि वीना सैनी और दिनेश, का भी इस सफलता में महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने खिलाड़ियों को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाने में मदद की, जिससे ये खिलाड़ी प्रतियोगिता में बेहतरीन प्रदर्शन कर सके।

खेलों का महत्व

विद्यालय की प्राचार्या ने बताया कि खेल खेलने से मानव शरीर स्वस्थ और सक्रिय रहता है। वे विद्यार्थियों को प्रेरित करती हैं कि हर व्यक्ति को जीवन में खेल गतिविधियों में भाग लेना चाहिए। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन वास करता है, और खेल हमें सामाजिक और मानसिक रूप से मजबूती प्रदान करता है।

डीएवी विद्यालय में तलवारबाजी और योगा की खेल नर्सरी है, जहां बच्चे अपनी खेल क्षमता को निखारते हैं और पदक प्राप्त करते हैं। रश्मि विद्यार्थी ने सभी विजेता खिलाडियों को बधाई दी और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

यह सबसे बड़ा पुरस्कार है कि जब बच्चे अपने विद्यालय का नाम रोशन करते हैं। इससे न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि अगले पीढ़ी के खिलाडियों को भी प्रेरणादायक उदाहरण मिलता है कि यदि वे मेहनत करें, तो वे भी अपने लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें: Jind News : किसान छात्र एकता संगठन ने डीन को सौंपा ज्ञापन

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *