ऋषि वर्ल्ड स्कूल ने जिला शतरंज प्रतियोगिता में झटकी जीत, बनें चैंपियन!
जिला स्तर पर शतरंज प्रतियोगिता का हर्षोल्लास
हाल ही में, रेवाड़ी में आयोजित जिला स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता ने क्षेत्र के छात्रों में शतरंज के प्रति बढ़ती रुचि को स्पष्ट किया। यह प्रतियोगिता, जो यूरो इंटरनेशनल स्कूल धारूहेड़ा में हुई, ने न केवल छात्रों की मानसिक क्षमता को परखने का अवसर दिया, बल्कि प्रतियोगिता के जरिए विद्यार्थियों के बीच सहयोग और एकजुटता की भावना को भी बढ़ावा दिया।
ऋषि वल्र्ड स्कूल का विजय अभियान
इस प्रतियोगिता का आयोजन जिला चेस संघ द्वारा किया गया था जिसमें अंडर-11 और अंडर-15 के 56 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। ऋषि वल्र्ड स्कूल की टीम ने इस प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए ओवरऑल विजेता का खिताब अपने नाम किया। यह उन छात्रों की मेहनत और उनके कड़े प्रशिक्षण का नतीजा था।
प्रतियोगिता के मुख्य आकर्षण:
- उद्घाटन समारोह: प्रतियोगिता का उद्घाटन स्कूल की प्रधानाचार्या कल्पना यादव, एकेडमी डीम मीनू दुबे और चेस संघ के सचिव गोविंद शर्मा द्वारा किया गया।
- सम्मान समारोह: समापन पर विजेता छात्रों को पदक पहनाकर सम्मानित किया गया।
- प्रतिभागियों की संख्या: कुल 56 प्रतिभागियों ने विभिन्न वर्गों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
प्रतियोगिता के परिणाम: अविस्मरणीय जीतें
प्रतियोगिता के विभिन्न वर्गों में विजेता छात्रों की सूची इस प्रकार है:
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अंडर-11 मिक्स ग्रुप:
- हर्षित (यूरो स्कूल)
- वैशेष (यूरो स्कूल)
- शांतनु (ऋषि वल्र्ड स्कूल)
- अगम (ऋषि वल्र्ड स्कूल)
- अंशु (ऋषि वल्र्ड स्कूल)
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अंडर-15 छात्रा वर्ग:
- हर्षिता (दिल्ली पब्लिक स्कूल)
- प्रियांशी राव (ऋषि वल्र्ड स्कूल)
- किरशी (राज इंटरनेशनल स्कूल)
- ज्हावनी (राज इंटरनेशनल स्कूल)
- तपानी (दिल्ली पब्लिक स्कूल)
- अंडर-15 लड़कों के वर्ग:
- विवान (रमन मुंजाल स्कूल)
- लक्ष्य (दिल्ली पब्लिक स्कूल)
- नितांत (दिल्ली पब्लिक स्कूल)
- कार्तिक (यूरो स्कूल)
- विवान कालरा (दिल्ली पब्लिक स्कूल)
इस सबके अलावा, गोविंद शर्मा, चेस संघ के सचिव ने बताया कि ये विजेता खिलाड़ी 17-18 मई को फरीदाबाद में आयोजित होने वाली 29वीं राज्य स्तरीय अंडर-9, 15 चेस प्रतियोगिता में रेवाड़ी का प्रतिनिधित्व करेंगे।
शतरंज: एक खेल से अधिक
शतरंज, केवल एक खेल नहीं है; यह मानसिक खेल की एक अद्भुत कला है। यह न केवल रणनीतिक सोच को विकसित करता है बल्कि विवेक और धैर्य की बुनियादी आवश्यकताओं को भी मजबूत करता है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से, बच्चों में आत्मविश्वास और प्रतिस्पर्धा की भावना को विकसित किया जाता है।
शतरंज खेल के फायदे:
- सामाजिक कौशल में वृद्धि।
- ध्यान और एकाग्रता में सुधार।
- समस्या समाधान की क्षमता में बढ़ोतरी।
निष्कर्ष: विकसनशील मानसिकता के लिए एक मंच
जिला स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता ने यह स्पष्ट कर दिया कि युवाओं में छिपी प्रतिभा को पहचानने और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। ऋषि वल्र्ड स्कूल की जीत ने क्षेत्र में शतरंज के प्रति बढ़ती रुचि को प्रगति के रास्ते पर डाला है। ऐसे आयोजन न केवल छात्रों को प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करते हैं, बल्कि उनके भविष्य के संभावित मार्ग को भी खोलते हैं।
शतरंज का यह सफर अभी शुरू हुआ है, और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में और भी कई प्रतिभाएँ सामने आएँगी। शिक्षकों और कोचों की मेहनत, छात्रों की मेहनत के साथ मिलकर भविष्य की बेहतरी के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर रही है।