मध्यप्रदेश सरकार का 1700 करोड़ का बजट: सड़कों का होगा चमत्कार!
Road Construction 2025: मध्यप्रदेश सरकार ने नगरीय क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण और मरम्मत के लिए 1700 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब आमतौर पर नगर निगमों को बारिश से पहले फंड के इंतजार में रहना पड़ता है, जिससे सड़कें खराब हो जाती हैं और नागरिकों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। अब नगरीय निकाय बिना इंतजार के तत्काल सड़क निर्माण और मेंटेनेंस कार्य शुरू कर सकेंगे।
नगरीय निकायों को नहीं करना पड़ेगा बजट का इंतजार
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि सभी नगरीय निकायों को सड़कों के निर्माण और सुधार के लिए बजट पहले ही दिया गया है। ताकि बारिश शुरू होने से पहले कार्य पूरे किए जा सकें। इस कदम से लोगों को जलभराव, गड्ढों और जर्जर सड़कों से राहत मिलेगी। यह योजना न केवल नागरिकों के लिए सुविधाजनक होगी, बल्कि स्थानीय प्रशासन के लिए भी हेल्पफुल साबित होगी।
कॉलोनियों की पहुंच सड़कों पर रहेगा विशेष फोकस
नगरीय विकास विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार, सड़कों का निर्माण और मेंटेनेंस स्थानीय जनप्रतिनिधियों के परामर्श और मांग के अनुसार किया जाएगा। खासतौर पर रिहायशी कॉलोनियों के मुख्य मार्गों और अंदरूनी सड़कों की मरम्मत को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा छोटी पुलियों के निर्माण को भी इस फंड से किया जा सकेगा। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि नागरिकों को कम से कम समय में उनकी दैनिक जरूरतों का समाधान मिले।
जबलपुर को सबसे ज्यादा, सागर को सबसे कम बजट
संभागवार बजट आवंटन में जबलपुर संभाग को सबसे अधिक 188 करोड़ रुपये मिले हैं। वहीं सागर संभाग को सबसे कम 61 करोड़ की राशि दी गई है। अन्य संभागों को मिली राशि इस प्रकार है:
- उज्जैन संभाग: 168 करोड़
- इंदौर संभाग: 167 करोड़
- भोपाल संभाग: 165 करोड़
- नर्मदापुरम संभाग: 147 करोड़
- रीवा संभाग: 138 करोड़
- ग्वालियर संभाग: 110 करोड़
- शहडोल संभाग: 76 करोड़
- चंबल संभाग: 72 करोड़
चार नगर निगमों को अलग से 25-25 करोड़
भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के नगर निगमों को सड़कों के मेंटेनेंस के लिए 25-25 करोड़ रुपये अतिरिक्त रूप से दिए गए हैं। इससे इन बड़े शहरी क्षेत्रों में व्यस्त सड़कों और यातायात मार्गों की मरम्मत तेज गति से की जा सकेगी। यह निर्णय इन शहरों में परिवहन को सुगम बनाने और नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्यों से लिया गया है।
नगरीय विकास विभाग ने दी स्पष्ट गाइडलाइन
इंजीनियर इन चीफ प्रदीप मिश्रा के अनुसार, इस पूरे कार्य में पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। नगरीय निकायों को कहा गया है कि वे स्थानीय नागरिकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए प्राथमिकता के आधार पर कार्य करें। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी परियोजनाएं सही दिशा में चलें और समय पर पूरी हों।
बारिश से पहले राहत पाने का सुनहरा मौका
यह पहली बार है जब राज्य सरकार ने बारिश से पहले इतनी बड़ी धनराशि सीधे निकायों को आवंटित की है। ताकि मरम्मत कार्य समय पर पूरे हो सकें। इससे जहां लोगों को राहत मिलेगी, वहीं सड़क दुर्घटनाओं की संभावना भी कम होगी और शहरी विकास को नया आयाम मिलेगा। यह पहल न केवल सड़क की गुणवत्ता में सुधार लाएगी, बल्कि नागरिकों के जीवन स्तर में भी सुधार करेगी।
सड़कों की गुणवत्ता पर भी रहेगा फोकस
बजट जारी होने के साथ ही सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। निर्माण कार्यों की मानिटरिंग के लिए अलग से टीमें तैनात की जाएंगी, जो समय-समय पर निरीक्षण करेंगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी कार्य उच्च मानकों पर किए जाएं।
नागरिकों को जल्द मिलेगा बेहतर सड़क नेटवर्क
इस योजना के तहत कार्य शुरू होते ही नागरिकों को बेहतर, सुरक्षित और सुविधाजनक सड़क नेटवर्क मिलेगा। साथ ही स्थानीय निकायों की जवाबदेही और क्रियाशीलता भी बढ़ेगी, जिससे आम लोगों का भरोसा शासन पर और मजबूत होगा। यह पहल सम्पूर्ण शहरी विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी, जिसका दूरगामी असर पड़ेगा।