अमृतसर में शराब ठेका घोटाला: महंगे ब्रांड की बोतलों में सस्ती शराब!
Liquor Bottle Scam: अमृतसर जिले में आबकारी विभाग ने हाई-प्रोफाइल और पॉश कॉलोनियों में चल रहे एल-4/एल-5 शराब बारों पर बड़ा शिकंजा कस दिया है. इस कार्रवाई का मकसद अवैध शराब की बिक्री और फर्जी शराब कारोबार पर लगाम लगाना है। हाल ही में अमृतसर जिले के कुछ प्रमुख बारों पर छापेमारी के दौरान अधिकारियों को कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर हुई कार्रवाई
यह कार्रवाई डिप्टी कमिश्नर आबकारी जालंधर/अमृतसर रेंज सुरेंद्र गर्ग और सहायक कमिश्नर आबकारी अमृतसर रेंज महेश गुप्ता के निर्देश पर की गई। जिला आबकारी अधिकारी ललित कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया, जिसने Forest Resorts, Signature Hospitality, The Kabila, Barbeque Nation जैसे नामचीन बारों की जांच की। इस छापेमारी का उद्देश न केवल अवैध शराब की बिक्री पर रोकथाम करना था, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना था कि उपभोक्ताओं को असली और प्रामाणिक उत्पाद मिले।
विदेशी ब्रांड की बोतलों का स्टॉक और वेस्टेज चेक
टीम ने बारों में शराब की खपत और खाली बोतलों के आंकड़ों का मिलान किया। निरीक्षण के दौरान कुछ बारों में बिना हिसाब की कई बोतलें पाई गईं। अधिकारियों ने इन खाली बोतलों को गिरा दिया ताकि इनका दुरुपयोग न हो सके। इस प्रक्रिया को बेहद सुरक्षित तरीके से किया गया ताकि किसी भी प्रकार का नुकसान न हो।
शराब की खाली बोतलों का दुबारा इस्तेमाल: एक बड़ा जाल
एक बेहद चौंकाने वाला तथ्य यह सामने आया कि महंगी विदेशी ब्रांड की बोतलों, जैसे Chivas Regal, Black Label, और Glenfiddich, को ग्राहक उपयोग के बाद कबाड़ी को बेच देते हैं। इसके बाद ये बोतलें कुछ लोग थोक में खरीदकर उनमें सस्ती गुणवत्ता की शराब भरकर बजार में दुबारा बेचते हैं। यह प्रक्रिया न केवल उपभोक्ताओं के लिए धोखा है, बल्कि यह सरकारी राजस्व के लिए भी एक बड़ा खतरा बन चुकी है।
महंगे ब्रांड, लेकिन अंदर सस्ती शराब
जांच में सामने आया कि इन महंगी ब्रांड्स की खाली बोतलों में ₹500 से ₹1000 की सस्ती व्हिस्की को भरकर एक बार फिर बजार में महंगे ब्रांड के नाम से बेचा जा रहा था। इसका मतलब यह है कि ग्राहक महंगी कीमत चुकाते हैं लेकिन उन्हें केवल सस्ती शराब मिलती है।
फर्जी शराब: स्वास्थ्य के लिए खतरा
शराब उद्योग से जुड़े जानकारों का कहना है कि कई ब्रांडों में स्वाद हल्का होता है, जिसके चलते सस्ती शराब में एसेंस मिलाकर उसे असली जैसा स्वाद दिया जाता है। ये शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है और इसके सेवन से कई तरह की बीमारियाँ हो सकती हैं।
आगे की कार्रवाई और कड़ी निगरानी की तैयारी
अधिकारियों ने साफ किया है कि ऐसी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। बारों के खिलाफ जो भी नियमों का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उन्हें सख्त कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इससे यह संदेश साफ है कि अब फर्जीवाड़ा करने वालों की खैर नहीं।
समापन: जागरूकता जरूरी
इस पूरे मामले ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमें न केवल अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना है, बल्कि हमें यह भी सुनिश्चित करना है कि हम किसी भी प्रकार के धोखाधड़ी का शिकार न हों। उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे हमेशा प्रमाणित और वैध स्रोतों से ही शराब खरीदें। नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई से ही इस धोखाधड़ी पर काबू पाया जा सकता है।
इस मामले की निरंतर निगरानी और सामाजिक जागरूकता के बिना, इस तरह की गतिविधियों को रोकना मुश्किल हो सकता है। इसलिए हमें सचेत रहना होगा और अपनी रक्षा करनी होगी।