भारत में कैंसर से लड़ाई: टाटा और विप्रो ने मिलकर बनाई नई योजना!
भारत में कैंसर के खिलाफ नई पहल: टीएमसी और विप्रो जीई का सहयोग
चंडीगढ़ समाचार: हाल ही में, भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत आने वाले टाटा मैमोरियल सेंटर (टीएमसी) ने विप्रो जीई हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया। इस साझेदारी के तहत एक अत्याधुनिक कैंसर रिसर्च एवं इनोवेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी। यह केंद्र कैंसर के खिलाफ लड़ाई में एक नया मील का पत्थर साबित हो सकता है।
भारत में कैंसर की स्थिति
कैंसर आज एक गंभीर समस्या बन चुका है। भारत में हर 100,000 लोगों में से लगभग 100 को कैंसर का निदान हो रहा है। भारत सरकार के कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक कैंसर के मामलों में 12.8 प्रतिशत वृद्धि की संभावना है। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि कैंसर के इलाज और प्रबंधन के लिए अत्याधुनिक तकनीकों की आवश्यकता है।
साझेदारी का उद्देश्य
टीएमसी और विप्रो जीई की साझेदारी का मुख्य उद्देश्य क्लिनिकल रिसर्च और अकादमिक सगाई को बढ़ावा देना है। इस समझौते के अंतर्गत:
- एक ‘जॉइंट वर्किंग ग्रुप’ का गठन किया जाएगा, जो अगले पांच वर्षों के लिए मुख्य प्रोजेक्ट क्षेत्रों और सहयोग के रोडमैप पर काम करेगा।
- कैंसर केयर में आधुनिक इमेजिंग तकनीक और एआई-आधारित समाधानों के विकास के लिए एक ठोस ढांचा तैयार किया जाएगा।
- कैंसर की पहचान से लेकर निदान और इलाज तक हर कदम पर बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने के लिए कटिंग-एज तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
टीएमसी और विप्रो जीई का दृष्टिकोण
डॉ. सी. एस. प्रमेश, टीएमसी के निदेशक, ने इस साझेदारी के बारे में कहा कि, “सरकार कैंसर का मुकाबला करने के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण अपना रही है।” वहीं, चैतन्य सरवटे, विप्रो जीई के मैनेजिंग डायरेक्टर, ने कहा कि, “इस साझेदारी के माध्यम से हम स्वास्थ्य देखभाल में इनोवेशन लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
भविष्य की दिशा
इस साझेदारी का लक्ष्य न केवल कैंसर के मरीजों को बेहतर देखभाल प्रदान करना है, बल्कि कैंसर रिसर्च में भी एक नया अध्याय जोड़ना है। इसमें शामिल होंगे:
- एआई द्वारा संचालित चिकित्सा उपकरण और डिजिटल समाधानों का कार्यान्वयन।
- क्लिनिकल वर्कफ्लो और मेडिकल इमेजिंग में सुधार।
- कैंसर के पुख्ता प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकी और डेटा का समुचित उपयोग।
निष्कर्ष
भारत में कैंसर के मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, ऐसी पहलें अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। टीएमसी और विप्रो जीई का यह सामूहिक प्रयास सुनिश्चित करेगा कि कैंसर की पहचान और प्रबंधन में नई तकनीकों का उपयोग हो। इससे न केवल इलाज में सुधार होगा, बल्कि कैंसर के प्रति जागरूकता और शोध में भी बढ़ावा मिलेगा।