सुरपुरा कलां में बाल श्रम निषेध दिवस पर जागरूकता शिविर का आयोजन

सुरपुरा कलां में बाल श्रम निषेध दिवस पर जागरूकता शिविर का आयोजन

बाल श्रम निषेध दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम: सुरपुरा कलां में एक नई शुरुआत

हर साल 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। यह दिन बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए समर्पित है, विशेषकर उन बच्चों के लिए जो बाल श्रम में लगे हुए हैं। हाल ही में, गांव सुरपुरा कलां में उपमंडल विधिक सेवा प्राधिकरण लोहारू द्वारा एक कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीणों और युवाओं को बाल श्रम के खिलाफ जागरूक करना था।

कार्यक्रम का विवरण और उद्देश्यों पर प्रकाश डालना

इस कार्यक्रम का संचालन जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण भिवानी और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पवन कुमार के मार्गदर्शन में किया गया। शिविर में पैनल अधिवक्ता मनोज लाखलान ने ग्रामीणों को बताया कि भारत में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के श्रमिक के रूप में काम करने को कानूनन अपराध माना जाता है। उन्होंने बताया:

  • बाल श्रमिकों से उनका बचपन और शिक्षा का अधिकार छिन जाता है।
  • नाबालिगों को कार्य करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि यदि कोई नाबालिग श्रमिक पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह बताना आवश्यक है कि केवल कानून ही इस समस्या का समाधान नहीं है। जनसहभागिता और सामाजिक जिम्मेदारी भी आवश्यक है।

बाल श्रम को समाप्त करने के उपाय

मनोज लाखलान ने यह भी बताया कि बाल श्रम को समाप्त करने के लिए निम्नलिखित उपायों की आवश्यकता है:

  1. सामाजिक जिम्मेदारी: प्रत्येक व्यक्ति को बाल श्रम के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। यह केवल सरकार का कार्य नहीं है, बल्कि समाज का भी कर्तव्य है।

  2. शिक्षा के प्रति जागरूकता: बच्चों को शिक्षा का अधिकार देना अत्यंत आवश्यक है। शिक्षा प्राप्त करने के बाद बच्चे बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर हो सकते हैं।

  3. सामुदायिक सहभागिता: बच्चों के कल्याण के लिए स्थानीय समुदायों का सहयोग भी जरूरी है। उन्हें बाल श्रम के प्रति जागरूक करना होगा और इसे रोकने के लिए कदम उठाने होंगे।

अभिभावकों के लिए सलाह

शिविर के अंत में सभी उपस्थित जनों से अपील की गई कि यदि वे कहीं बाल श्रम होते हुए देखें, तो तुरंत बाल कल्याण समिति, पुलिस या विधिक सेवा प्राधिकरण को सूचित करें। यह संदेश स्पष्ट था—समाज को इस मुद्दे पर मिलकर कार्य करना चाहिए।

निष्कर्ष: बदलाव की ओर कदम

इस जागरूकता कार्यक्रम ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया कि बाल श्रम एक गंभीर सामाजिक समस्या है, जिसका समाधान केवल कानूनी कार्रवाई से नहीं किया जा सकता। इसके लिए सभी को अपनी भूमिका निभानी होगी। जब हम सब मिलकर इस मुद्दे के खिलाफ आवाज उठाएंगे, तभी हम बाल श्रम को समाप्त कर पाएंगे और बच्चों को उनका बचपन और शिक्षा वापस दिला पाएंगे।

इस तरह के आयोजन से न केवल जागरूकता बढ़ती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि बच्चे सुरक्षित वातावरण में बड़े हो सकें, जिसमें उनकी शिक्षा और समुचित विकास की ज़िम्मेदारी समाज उठाए।

आइए, हम सब मिलकर बच्चों के भविष्य के लिए एक नई शुरुआत करें!

यदि आपको इस विषय पर और जानकारी चाहिए या इससे जुड़े किसी भी कार्यक्रम में भाग लेना चाहते हैं, तो कृपया अपनी स्थानीय प्रशासनिक अथवा विधिक सेवा प्राधिकरण से संपर्क करें।

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