मौसम का अलर्ट: अरब सागर में साइक्लोनिक सर्कुलेशन से होगी विनाशकारी बारिश!
मई 2025 के तीसरे सप्ताह में भारत के कई हिस्सों में मौसम का मिजाज अचानक बदल गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अरब सागर के ऊपर एक सक्रिय चक्रवातीय परिसंचरण की पुष्टि की है, जिसके कारण कई राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश, तेज़ हवाएं और आंधी-तूफान की चेतावनी जारी की गई है।
यह सिस्टम कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल, और गोवा सहित पश्चिमी तटीय राज्यों पर गहरा प्रभाव डाल रहा है। बारिश के साथ-साथ, सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
साइक्लोनिक सर्कुलेशन का प्रभाव
IMD के अनुसार, यह साइक्लोनिक सर्कुलेशन 21 मई के आसपास अरब सागर के पूर्व-मध्य हिस्से में कर्नाटक तट के पास बन रहा है। इसके चलते 22 मई के बाद एक लो-प्रेशर सिस्टम बनने की संभावना है, जो आगे उत्तर दिशा की ओर बढ़ेगा। इसका तात्कालिक प्रभाव अरब सागर और पश्चिमी भारत के कई इलाकों में भारी वर्षा, बिजली गिरने, और 50-60 किमी/घंटा तक की तेज़ हवाएं हो सकता है।
बिंदु | विवरण |
सिस्टम का स्थान | पूर्व-मध्य अरब सागर, कर्नाटक तट के पास |
सक्रिय होने की तिथि | 21 मई 2025 |
लो-प्रेशर बनने की संभावना | 22 मई 2025 के बाद |
प्रभावित राज्य | कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल, गोवा, गुजरात |
भारी वर्षा की अवधि | 21 मई से 26 मई 2025 तक |
तेज़ हवाओं की गति | 50-60 किमी/घंटा (कुछ स्थानों पर 70 किमी/घंटा तक) |
IMD चेतावनी | भारी से बहुत भारी बारिश, बिजली, आंधी-तूफान |
नुकसान की घटनाएं | बेंगलुरु में जलभराव, दीवार गिरने, करंट लगने से मौतें |
प्रशासनिक कदम | अलर्ट, राहत दल सक्रिय, शहरों में निरीक्षण |
मानसून पर असर | केरल में मानसून की शुरुआत जल्दी, आगे बढ़ने के अनुकूल हालात |
क्या है साइक्लोनिक सर्कुलेशन?
साइक्लोनिक सर्कुलेशन, जिसे हिंदी में चक्रवातीय परिसंचरण भी कहा जाता है, मौसम विज्ञान में एक कम दबाव वाला क्षेत्र होता है। इसमें हवा चारों ओर से केंद्र की ओर घूमती है और ऊपर उठती है, जिससे बारिश होती है। मई-जून में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में ऐसे सिस्टम अक्सर बनते हैं, जो मानसून की शुरुआत और बारिश की तीव्रता को प्रभावित करते हैं।
भारी बारिश का अलर्ट किन राज्यों में है?
- कर्नाटक: 21-26 मई तक भारी से बहुत भारी बारिश, बिजली, तेज़ हवाएं।
- महाराष्ट्र: 21-24 मई तक भारी बारिश, 50-60 किमी/घंटा की हवाएं।
- केरल और गोवा: मानसून के साथ भारी बारिश की संभावना।
- गुजरात: तटीय इलाकों में 23-26 मई के बीच तेज़ हवाओं और बारिश की चेतावनी।
IMD की चेतावनियां और सुझाव
- सभी प्रभावित क्षेत्र के लोग सतर्क रहें।
- मौसम विभाग के अपडेट्स का पालन करें।
- भारी बारिश के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें।
- बिजली के खंभों और जलभराव से दूर रहें।
इस चक्रवातीय परिसंचरण के कारण न केवल मानसून के आगमन में तेजी आई है, बल्कि कई राज्यों में अलर्ट भी जारी किया गया है। प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है।
भविष्य की संभावना
IMD के अनुसार, अरब सागर में सक्रिय साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण केरल में मानसून की शुरुआत जल्दी हो गई है। यह सिस्टम अगले कुछ दिनों में और मजबूत हो सकता है, यदि लो-प्रेशर सिस्टम डिप्रेशन या चक्रवात में बदलता है तो बारिश की तीव्रता और बढ़ सकती है।
इसलिए नागरिकों को सतर्क रहना चाहिए और मौसम विभाग की सलाहों का पालन करना चाहिए। भारी वर्षा से जान-माल के नुकसान की संभावना को देखते हुए सभी से अपील की जाती है कि वे अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें।
Disclaimer: यह लेख मौसम विभाग (IMD) की ताजा रिपोर्ट्स और मौसम पूर्वानुमान के आधार पर तैयार किया गया है। नागरिक किसी भी अफवाह या फर्जी खबर से बचें और केवल आधिकारिक सूचना पर भरोसा करें।