दिल्ली के ट्रैफिक समस्या का रेलवे जैसा हल! जानें क्या है नए योजना में!
दिल्ली ट्रैफिक कॉरिडोर योजना: दिल्ली-एनसीआर में यातायात जाम की समस्या से निपटने के लिए लोक निर्माण विभाग (PWD) ने एक विशेष योजना तैयार की है। इस योजना के तहत हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा से जुड़ी 12 प्रमुख सड़कों को चुना गया है, जहां यातायात बाधित रहता है और सड़कों की हालत भी खराब है।
मानसून से पहले तैयारी
PWD की रणनीति है कि मानसून के दौरान आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली जाएं और जैसे ही बारिश का मौसम समाप्त हो, सड़क सुधार और चौड़ीकरण का कार्य शुरू कर दिया जाए। इस दौरान फुटपाथ सुधार, अतिक्रमण हटाना और बागवानी कार्य जैसे काम मानसून के समय भी जारी रहेंगे। ये सभी कार्य सुनिश्चित करेंगे कि मानसून के बाद लोगों को बेहतर यातायात अनुभव मिले।
मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में भी होंगे कार्य
इस योजना के पहले चरण में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र की सड़कें भी शामिल की गई हैं। यहां सड़कों को चौड़ा करने, प्रवेश बिंदु को सुंदर बनाने और हरित क्षेत्र विकसित करने पर जोर रहेगा। इससे क्षेत्रवासियों को बेहतर यातायात सुविधा और साफ-सुथरा वातावरण मिलेगा। यह प्रयास न केवल सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाएगा, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी लाभान्वित करेगा।
जिन सड़कों पर होगा काम
- मजनू का टीला से हनुमान मंदिर तक रिंग रोड
- आजादपुर मंडी के सामने जीटी रोड (ग्रैंड ट्रंक रोड)
- एनएच-44 पर लिबासपुर अंडरपास सहित अन्य ट्रैफिक कॉरिडोर
- महाराणा प्रताप ISBT क्षेत्र की सड़कें
- सिविल लाइंस क्षेत्र की मुख्य सड़कें
- कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन से दिल्ली गेट तक का सड़क खंड
- झंडेवालान मंदिर के पास रानी झांसी रोड से पंचकुइयां मार्ग
- अंधेरिया मोड़ से आया नगर तक महरौली-गुरुग्राम रोड (दिल्ली-हरियाणा सीमा)
- दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा से लगते चौधरी चरण सिंह मार्ग
- IIT फ्लाईओवर से मोदी मिल फ्लाईओवर तक बाहरी रिंग रोड
- सफदरजंग अस्पताल से धौला कुआं तक का रिंग रोड (AIIMS लूप शामिल)
- RTR से शिव मूर्ति तक का राष्ट्रीय राजमार्ग और जखीरा फ्लाईओवर से द्वारका मोड़ तक शिवाजी मार्ग
सडकों की हालत से परेशान यात्री
इन सभी कॉरिडोर पर जाम, टूटे फुटपाथ और अतिक्रमण जैसी समस्याएं आम हैं। स्थिति यह है कि दिल्ली में हर दिन लाखों लोग इन सड़कों पर सफर करते हैं और इस अव्यवस्था के कारण समय बर्बाद होता है। योजना के अनुसार मानसून में जहां संभव हो वहां छोटे-छोटे सुधार कार्य चालू रहेंगे ताकि मुख्य निर्माण कार्य में देरी न हो।
ट्रैफिक फ्लो को बेहतर बनाने का उद्देश्य
PWD का उद्देश्य है कि दिल्ली और एनसीआर के मुख्य मार्गों पर ट्रैफिक का दबाव घटाया जाए। इससे रोजाना सफर करने वाले लाखों लोगों को समय की बचत और बेहतर यातायात अनुभव मिलेगा। खासकर वे लोग जो गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद से दिल्ली आते हैं, उन्हें सीधा फायदा होगा। यदि ट्रैफिक कम होगा, तो न केवल यात्रा का समय घटेगा, बल्कि प्रदूषण भी कम होगा।
मानसून के बाद शुरू होगा चौड़ीकरण और मरम्मत कार्य
विभागीय सूत्रों के अनुसार सड़क निर्माण से जुड़ा भारी कार्य मानसून के बाद ही शुरू किया जाएगा। लेकिन तब तक सर्वेक्षण, डिजाइन तैयार करना, और अन्य पूर्व-निर्धारित काम पूरे कर लिए जाएंगे, ताकि काम में कोई रुकावट न आए। इसके अतिरिक्त, स्थानीय निवासियों से सुझाव और प्रतिक्रिया प्राप्त कर इस योजना को और भी बेहतर बनाया जा सकता है।
इस योजना से न केवल दिल्ली की सड़कों की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि यातायात जाम की समस्या का भी समाधान होगा। एक संतुलित और सुविधाजनक यातायात व्यवस्था शहर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में रहने वाले लोगों की जीवनशैली में सुधार आएगा।