लोहारू में 350 करोड़ के फसल बीमा घोटाले के खिलाफ किसानों की महापंचायत!
महापंचायत के लिए जन जागरण अभियान: किसानों का हक और न्याय
(Bhiwani News) लोहारू। 23 जून को लोहारू में आयोजित होने जा रही किसान महापंचायत का आयोजन कथित 350 करोड़ रुपए के खरीफ फसल बीमा घोटाला के विरोध में हो रहा है। इस महापंचायत के लिए अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है। इस मुहिम का मुख्य लक्ष्य किसानों को अपनी समस्याओं और हक के प्रति जागरूक करना है।
फसल बीमा घोटाले का कच्चा चिट्ठा
किसान सभा के कानूनी सलाहकार, एडवोकेट अशोक आर्य, ने बताया कि यह घोटाला पूर्व भाजपा सरकार द्वारा किया गया था। Companies से सांठगांठ करते हुए ब्लेक लिस्टेड कंपनी “क्षेमा” को 20 हजार रुपए प्रति एकड़ में फसल बीमा का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया। यह स्थिति तब बनी जब ऐआईसी और बजाज कंपनी ने याचिका दायर की और हरियाणा सरकार ने नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए इस कंपनी को दोबारा कॉन्ट्रेक्ट दिया।
जन जागरण अभियान की रूपरेखा
महापंचायत के मद्देनजर, अखिल भारतीय किसान सभा के सदस्य विभिन्न गांवों में जाकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। इस कार्यक्रम के तहत किसानों से निम्नलिखित विषयों पर चर्चा की जा रही है:
- फसल बीमा क्लेम की प्रक्रिया और उनके हक
- घोटाले के आस-पास की जानकारी
- किसानों के अधिकार और उनकी सुरक्षा
किसानों का समर्थन
इस जागरूकता अभियान में कई किसान न leaders प्रमुख रूप से शामिल हो रहे हैं। किसान सभा के नेता बलवीर सिंह ठाकन ने बताया कि यह अभियान लोहारू हलके के प्रत्येक गांव में चलाया जा रहा है। इसमें ग्रामीणों को फसल बीमा क्लेम घोटाले के बारे में जानकारी और उसके खिलाफ उठाए जा रहे कदमों की जानकारी साझा की जा रही है।
प्रमुख कार्यकर्ता और सहयोगी
महापंचायत आयोजन और जन जागरण अभियान में निम्नलिखित प्रमुख कार्यकर्ता शामिल हैं:
नाम | भूमिका |
---|---|
अशोक आर्य | कानूनी सलाहकार |
बलवीर सिंह ठाकन | किसान नेता |
कविता आर्य | एसकेएम सदस्य |
कामरेड रामपाल धारणी | सदस्य |
कामरेड विनोद जांगड़ा | सदस्य |
समुदाय की भागीदारी
कार्यक्रम के दौरान, कई गांवों में ग्राम सभाएँ आयोजित की गईं। इन सभाओं में किसानों को महापंचायत की अपील की गई, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें भाग ले सकें। महापंचायत का मुख्य उद्देश्य किसानों के हक की वकालत करना और उन्हें न्याय दिलाने के लिए एकजुट करना है।
आगे का अभियान
किसान सभा के सदस्य आशा व्यक्त करते हैं कि इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम किसानों को अधिक संगठित और सशक्त बनाएंगे। महापंचायत में अधिक से अधिक किसान शामिल हो और अपनी आवाज उठाएं, इसके लिए गांव-गांव में प्रचार किया जा रहा है। हर किसान की उपस्थिति इस आंदोलन की ताकत होगी।
निष्कर्ष
23 जून को होने वाली किसान महापंचायत न केवल एक आंदोलन है, बल्कि यह किसानों की एकजुटता और साहस का प्रतीक भी है। यह महापंचायत किसानों के हक के लिए न्याय की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। जब किसान एकजुट होते हैं, तो उनकी आवाज़ सुनाई देती है, और यही इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य है।