2025 में FASTag नियमों में बड़ा बदलाव: जानें क्या हैं सच्चाई और छूट!
हर दिन लाखों वाहन भारत की सड़कों पर दौड़ते हैं, और टोल प्लाजा पर रुकना, लंबी कतारों में लगना, कैश पेमेंट की दिक्कत—ये सब अब बीते दिनों की बात हो चुकी है। FASTag के आने से टोल पेमेंट डिजिटल और आसान हो गया है। लेकिन 2025 में FASTag से जुड़े नियमों में कई बड़े बदलाव किए गए हैं, जिनके बारे में हर वाहन मालिक को जानना जरूरी है। सोशल मीडिया या कुछ खबरों में दावा किया जा रहा है कि अब सालभर टोल टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन असलियत क्या है? इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि 2025 में FASTag के कौन-कौन से नियम बदले हैं, सालभर टोल टैक्स माफ होने की सच्चाई क्या है, ब्लैकलिस्टिंग और दोगुना टोल का क्या मतलब है, किन वाहनों को छूट मिलेगी, और वाहन मालिकों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
FASTag New Rules 2025
बिंदु | जानकारी |
नया नियम लागू | 1 अप्रैल 2025 (महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में) |
किसके लिए अनिवार्य | सभी निजी, कमर्शियल, स्कूल बस, राज्य परिवहन वाहन |
बिना FASTag टोल | दोगुना टोल देना होगा |
ब्लैकलिस्टिंग नियम | 17 फरवरी 2025 से नया नियम, 60 मिनट/10 मिनट की विंडो |
टोल पेमेंट सिस्टम | पूरी तरह डिजिटल, RFID बेस्ड |
छूट किन्हें | कुछ विशेष श्रेणी के वाहन (एम्बुलेंस, सरकारी वाहन आदि) |
FASTag कहां मिलेगा | बैंक, पेट्रोल पंप, ऑनलाइन |
टोल टैक्स सालभर माफ? | नहीं, सालभर टोल टैक्स माफ नहीं है |
ब्लैकलिस्टिंग में क्या | दोगुना टोल, पेमेंट फेल, पेनल्टी |
FASTag अपडेट जरूरी | बैलेंस, KYC, रिचार्ज समय पर करना जरूरी |
नया सिस्टम लागू | सभी टोल प्लाजा पर FASTag Only सिस्टम |
कोर्ट का फैसला | डिजिटल सिस्टम को बरकरार रखा गया |
क्या-क्या बदला?
1. FASTag अनिवार्य
- अब महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में सभी वाहनों के लिए FASTag जरूरी है।
- बिना FASTag के टोल पार करने पर दोगुना टोल देना होगा।
2. ब्लैकलिस्टिंग और बैलेंस नियम
- 17 फरवरी 2025 से NPCI के नए नियम लागू हैं।
- अगर FASTag 60 मिनट से ज्यादा ब्लैकलिस्टेड रहा या स्कैन के 10 मिनट बाद भी एक्टिव नहीं हुआ, तो पेमेंट फेल हो जाएगा और दोगुना टोल देना होगा।
- आखिरी वक्त पर रिचार्ज करने से भी पेमेंट फेल हो सकता है।
3. टोल टैक्स सालभर माफ?
- सोशल मीडिया पर वायरल खबरें कि सालभर टोल टैक्स नहीं देना होगा, गलत हैं।
- सभी वाहन मालिकों को टोल टैक्स देना ही होगा, बस पेमेंट डिजिटल और आसान हो गया है।
- कुछ विशेष श्रेणी के वाहनों जैसे एम्बुलेंस, सरकारी वाहन, स्कूल बस आदि को ही छूट मिलती है।
4. डिजिटल पेमेंट और ट्रांसपेरेंसी
- सभी टोल प्लाजा पर FASTag Only सिस्टम लागू है।
- कैश, कार्ड या UPI से पेमेंट सिर्फ दोगुना टोल के लिए ही संभव है।
- टोल कलेक्शन में पारदर्शिता और ट्रैफिक जाम में कमी होगी।
कैसे काम करता है नया सिस्टम?
- वाहन की विंडस्क्रीन पर FASTag लगाना जरूरी है।
- टोल प्लाजा पर लगे RFID रीडर से FASTag स्कैन होता है और टोल अपने-आप कट जाता है।
- अगर टैग ब्लैकलिस्ट है या बैलेंस नहीं है, तो पेमेंट फेल और दोगुना टोल देना होगा।
- समय रहते FASTag रिचार्ज और KYC अपडेट करना जरूरी है।
किन्हें मिलती है टोल टैक्स में छूट?
वाहन श्रेणी | छूट/फायदा |
एम्बुलेंस | पूरी तरह छूट |
फायर ब्रिगेड | पूरी तरह छूट |
पुलिस वाहन | पूरी तरह छूट |
सरकारी वाहन | पूरी तरह छूट |
स्कूल बस | कुछ जगहों पर छूट |
राज्य परिवहन बस | कुछ जगहों पर छूट |
दिव्यांग वाहन | पूरी तरह छूट |
सेना के वाहन | पूरी तरह छूट |
ब्लैकलिस्टिंग और पेनल्टी
- अगर FASTag ब्लैकलिस्ट है और आप टोल पर पहुंचते हैं, तो पेमेंट फेल हो सकता है।
- ऐसे में आपको दोगुना टोल देना होगा या पेमेंट रिजेक्ट हो जाएगा।
- ब्लैकलिस्टिंग की वजहें: लो बैलेंस, KYC न होना, टैग एक्सपायर होना।
- ब्लैकलिस्टिंग हटाने के लिए समय रहते रिचार्ज और KYC अपडेट करना जरूरी है।
ज़रूरी बातें और सुझाव
- हमेशा FASTag में पर्याप्त बैलेंस रखें।
- KYC और टैग डिटेल्स अपडेट रखें।
- ब्लैकलिस्टिंग से बचने के लिए आखिरी वक्त पर रिचार्ज न करें।
- टोल प्लाजा पर कैश पेमेंट सिर्फ दोगुना टोल के लिए ही संभव है।
- अगर टैग ब्लैकलिस्ट है, तो 60 मिनट की विंडो में रिचार्ज करें, वरना पेमेंट फेल हो सकता है।
- टोल टैक्स में छूट सिर्फ कुछ विशेष श्रेणी के वाहनों को ही है।
फायदे
- टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ता, समय और फ्यूल की बचत।
- पेमेंट पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी।
- टोल कलेक्शन में ट्रांसपेरेंसी और भ्रष्टाचार में कमी।
- ट्रैफिक जाम में कमी, सफर आसान।
- छूट और पेनल्टी सिस्टम से अनुशासन बढ़ा।
चुनौतियां
- डिजिटल साक्षरता की कमी वाले इलाकों में परेशानी।
- ब्लैकलिस्टिंग और KYC की वजह से पेमेंट फेल।
- इंटरनेट या सर्वर डाउन होने पर दिक्कत।
- कुछ जगहों पर अभी भी कैश पेमेंट की आदत।
कोर्ट का क्या फैसला?
- बॉम्बे हाई कोर्ट ने डिजिटल टोल सिस्टम को बरकरार रखा है।
- कोर्ट ने कहा कि डिजिटल पेमेंट सिस्टम आज की जरूरत है और यह नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करता।
- जनहित याचिका खारिज कर दी गई, जिससे FASTag Only सिस्टम को कानूनी मान्यता मिली।
निष्कर्ष
2025 में FASTag से जुड़े कई बड़े बदलाव लागू हुए हैं। अब सभी वाहनों के लिए FASTag अनिवार्य है और बिना FASTag के दोगुना टोल देना होगा। ब्लैकलिस्टिंग और बैलेंस वेरिफिकेशन के नए नियम लागू हैं, जिससे टोल पेमेंट सिस्टम और पारदर्शी और तेज हो गया है।
सालभर टोल टैक्स माफ होने की खबर गलत है—आम नागरिकों को टोल टैक्स देना ही होगा। सिर्फ कुछ श्रेणी के वाहनों को ही छूट है। सभी वाहन मालिक समय रहते अपना FASTag अपडेट रखें, ताकि सफर में कोई दिक्कत न हो।
Disclaimer: यह लेख 1 जून 2025 तक उपलब्ध सरकारी नियमों, NPCI सर्कुलर और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। “बदल गए FASTag के नियम: अब सालभर नहीं देना होगा टोल टैक्स” की खबर सही नहीं है।
नए नियमों के तहत टोल टैक्स माफ नहीं हुआ है, बल्कि डिजिटल सिस्टम, ब्लैकलिस्टिंग और दोगुना टोल जैसे प्रावधान और सख्त किए गए हैं। कृपया सिर्फ आधिकारिक पोर्टल और बैंक से ही जानकारी लें, अफवाहों से बचें।