गंगा एक्सप्रेसवे पर टोल नीति में बदलाव: जानें क्या है दूरी आधारित टोल!

गंगा एक्सप्रेसवे पर टोल नीति में बदलाव: जानें क्या है दूरी आधारित टोल!

गंगा एक्सप्रेसवे पर टोल वसूली का नया आदेश: दूरी आधारित प्रणाली

गंगा एक्सप्रेसवे के संबंध में जो नई नीति लागू की गई है, वह न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगी, बल्कि इससे टोल वसूली को लेकर होने वाली उलझनें भी दूर होंगी। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में इस एक्सप्रेसवे पर ‘जितनी दूरी, उतना टोल’ की नीति अपनाई जाएगी। इसका मतलब है कि यात्रियों को टोल का भुगतान उनके यात्रा किए गए कार्यकाल के आधार पर करना होगा।

अब टोल के चक्कर में नहीं पड़ना होगा

दूरी आधारित टोल प्रणाली के तहत, अगर कोई वाहन चालक लहरावन (संभल) से एक्सप्रेसवे में प्रवेश करता है और खिरनी गेट से बाहर निकलता है, तो उसे केवल लगभग 24 किमी का ही टोल देना होगा। यह न केवल यात्रियों के लिए आसान होगा, बल्कि इससे कम दूरी पर यात्रा करने वालों को अधिक शुल्क चुकाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

संभल जिले में प्रमुख इंटरचेंजिंग पॉइंट्स

गंगा एक्सप्रेसवे के लगभग 38 किमी हिस्से का मार्ग संभल जिले से होकर गुजरेगा, जहां दो मुख्य इंटरचेंजिंग पॉइंट बनाए जाएंगे:

  • लहरावन (बहजोई के नजदीक)
  • खिरनी (संभल क्षेत्र में)

इन इंटरचेंजिंग पॉइंट्स पर प्रवेश और निकासी द्वार बनाए जाएंगे, जिन पर रैंप टोल बूथ स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, एक्सप्रेसवे के दोनों ओर फ्री सर्विस लेन का निर्माण भी किया जाएगा, जिससे स्थानीय वाहन बिना शुल्क के यात्रा कर सकेंगे।

निर्माण कार्य और टाइमलाइन

गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है। यूपीईडा के अनुसार, इसका पूरा कार्य अगस्त 2025 तक खत्म होने की संभावना है और इस एक्सप्रेसवे का संचालन सितंबर 2025 से शुरू हो सकता है। पहले यह लक्ष्य दिसंबर 2024 का था, लेकिन NCR क्षेत्रों में लागू GRAP (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के चलते कुछ देरी हुई है।

सुविधाएं और विस्तार की योजना

गंगा एक्सप्रेसवे को शुरू में छह लेन में खोला जाएगा, जबकि भविष्य में इसे आठ लेन तक बढ़ाने की योजना है। यहाँ की गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा होगी और हर 30 किमी पर पुलिस सहायता चौकियाँ और CCTV कैमरे भी लगाए जाएंगे।

गंगा एक्सप्रेसवे पर बनाए जा रहे दो मुख्य टोल प्लाजा के अलावा 15 रैंप टोल प्लाजा होंगे। ये प्लाजा उन स्थानों पर होंगे जहां से वाहन एक्सप्रेसवे में प्रवेश या निकलेंगे। यात्रियों की सुविधाओं के लिए फूड कोर्ट, शौचालय, और विश्रामगृह जैसी सुविधाएँ भी विकसित की जा रही हैं।

सफर सुलभ और तेज

एक्सप्रेसवे चालू होने के बाद, मेरठ से प्रयागराज की दूरी केवल 6 से 7 घंटे में तय की जा सकेगी, जबकि वर्तमान में यह यात्रा 12 से 14 घंटे का समय लेती है। यह मार्ग 12 जिलों के माध्यम से गुजरेगा, जिसमें संभल एक महत्वपूर्ण बिंदु होगा।

टोल दरों की विविधता

टोल दरें विभिन्न प्रकार के वाहनों के लिए अलग-अलग निर्धारित की जाएंगी, जैसे:

वाहन श्रेणी टोल दर
कार कम
बस उच्च
ट्रक और भी अधिक

इन दरों का निर्धारण दूरी और वाहन के प्रकार के आधार पर होगा।

सुरक्षा में सुधार

गंगा एक्सप्रेसवे, मुरादाबाद-बुलंदशहर राज्य हाईवे और आगरा-मुरादाबाद राष्ट्रीय हाईवे से जुड़ता है, जिससे पूरे क्षेत्र की कनेक्टिविटी में सुधार होगा। रेलवे ब्रिज का निर्माण पूरा हो चुका है और इंटरचेंजिंग पॉइंट्स पर तेजी से काम किया जा रहा है। यह क्षेत्र निश्चित रूप से यात्रियों के लिए एक बेहतर अनुभव प्रदान करेगा।

गंगा एक्सप्रेसवे की यात्रा के लिए तैयार रहें, क्योंकि यह उच्च गति और सुविधाओं से ausgestattet होने वाला एक प्रमुख मार्ग है, जो न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि यात्रियों को सुरक्षित और सस्ती यात्रा का अनुभव भी प्रदान करेगा।

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