पंजाब में 30 मई 2025 को गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस पर सार्वजनिक छुट्टी

पंजाब में 30 मई 2025 को गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस पर सार्वजनिक छुट्टी

सार्वजनिक अवकाश 2025: पंजाब सरकार ने शुक्रवार, 30 मई 2025 को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। यह अवकाश श्री गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में घोषित किया गया है। सरकार ने इसे गजटेड हॉलिडे के रूप में मान्यता दी है, जिसका अर्थ है कि इस दिन राज्य के सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे।

पूरे राज्य में लागू होगा यह आदेश

इस आदेश के तहत पंजाब राज्य के सभी जिलों में 30 मई को सरकारी अवकाश लागू रहेगा। न सिर्फ शिक्षा संस्थान, बल्कि सभी सरकारी दफ्तर और राज्य सरकार से जुड़े कार्यालय भी बंद रहेंगे। सरकारी कर्मचारियों को इस दिन पूर्ण वेतन के साथ छुट्टी मिलेगी। यह अवकाश केवल सरकारी क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि कई निजी क्षेत्र की कंपनियाँ भी इस दिन को छुट्टी के रूप में मान्यता देती हैं।

कौन थे श्री गुरु अर्जुन देव जी?

श्री गुरु अर्जुन देव जी सिख धर्म के पाँचवें गुरु थे। उनका जीवन त्याग, सेवा और सहनशीलता का प्रतीक था। गुरु साहिब ने केवल आध्यात्मिक मार्ग को ही नहीं चुना, बल्कि सामाजिक सुधारों की दिशा में भी कदम उठाए। उन्होंने आदि ग्रंथ (जो आगे चलकर गुरु ग्रंथ साहिब बना) का संकलन किया और अमृतसर में हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) का निर्माण करवाया। उनका योगदान सिख समुदाय की आध्यात्मिक और सामाजिक नींव को मजबूत करने में अतुलनीय रहा।

शहादत की प्रेरक गाथा

इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि मुगल सम्राट जहाँगीर ने श्री गुरु अर्जुन देव जी पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव बनाया था। परंतु गुरु साहिब ने अपनी आस्था से समझौता नहीं किया। जब हर प्रयास विफल हो गया तो सन् 1606 ईस्वी में उन्हें अमानवीय यातनाएं देकर शहीद करवा दिया गया। यह शहादत सिखों के आत्मबल और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमूल्य प्रेरणा बन गई। इस दिन को सिख समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ के रूप में देखा जाता है, जो उन्हें अपने धार्मिक अधिकारों के लिए संगठित होने का प्रेरणा देती है।

क्यों दी जाती है इस दिन छुट्टी?

पंजाब सरकार हर वर्ष गुरु अर्जुन देव जी के बलिदान दिवस को श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाती है। इस दिन न केवल सरकारी अवकाश होता है, बल्कि गुरुद्वारों में विशेष दीवान, कीर्तन और लंगर का आयोजन भी होता है। यह दिन धर्म, मानवता और सहिष्णुता के मूल्यों को याद करने का प्रतीक है। इससे लोगों को शिक्षा मिलती है कि आत्मसमर्पण और सहिष्णुता कितनी महत्वपूर्ण हैं।

  • विशेष प्रार्थनाएँ: शहीदी दिवस पर सिख समुदाय अलग-अलग गुरुद्वारों में प्रार्थनाएँ और कीर्तन करता है।
  • लंगर: इस दिन लंगर का आयोजन किया जाता है, जिससे कि अधिक से अधिक लोग मिलकर बैठकर भोजन कर सकें।
  • समुत्कर्ष: इसे एक अवसर के रूप में देखा जाता है जिससे कि भौगोलिक और सांस्कृतिक परिधियों को पार किया जा सके।

आखिरकार, गुरु अर्जुन देव जी का बलिदान न केवल सिख धार्मिक परंपरा में बल्कि हर धर्म के अनुयायियों के लिए एक संदेश है कि सच्चाई और न्याय के लिए खड़ा होना कितना महत्वपूर्ण है। 30 मई का यह सार्वजनिक अवकाश न केवल एक दिन की छुट्टी है, बल्कि यह हमें आज के समय में भी अपने विचारों और मूल्यों को उजागर करने का अवसर प्रदान करता है। यह एक reminder है कि हर व्यक्ति को अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने का हक है।

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