हरियाणा में बीएस-4 बसों का संचालन बंद, प्रदूषण नियंत्रण की नई पहल!
हरियाणा ट्रैफिक नियम: हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए एक महत्त्वपूर्ण योजना पेश की है। आगामी नवंबर 2025 से, हरियाणा के एनसीआर जिलों में बीएस-4 मानक की बसों का संचालन बंद होने जा रहा है। यह कदम दिल्ली के उदाहरण पर आधारित है, और इसका प्रमुख उद्देश्य वायु प्रदूषण को कम करना तथा एक स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण की दिशा में रास्ता तैयार करना है। इस परिवर्तन से हरियाणा के एनसीआर क्षेत्रों में प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी, जैसे कि पहले दिल्ली में समस्याएँ उत्पन्न होती थीं।
प्रदूषण पर काबू पाने के लिए योजना
सोनीपत सहित अन्य एनसीआर जिलों में बीएस-4 मानक के समस्त डीजल वाहनों पर रोक लगाई जाएगी, जिसमें छोटे वाहन, लोडिंग वाहन, मिनी ट्रक, और अन्य व्यावसायिक डीजल वाहन शामिल हैं। इसका मुख्य लक्ष्य प्रदूषण में कमी पहुँचाना और हवा की गुणवत्ता को सुधारना है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे 1 नवंबर 2025 से पहले अपने पुराने बीएस-4 वाहनों के लिए वैकल्पिक प्रबंधन करें। अगर कोई भी नियम का उल्लंघन करेगा, तो उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बीएस-4 वाहनों की समस्या और समाधान
हरियाणा में रोडवेज प्रशासन ने 62 बसों का संचालन किलोमीटर स्कीम के अंतर्गत किया है, जो बीएस-4 मानक की हैं। ये बसें पहले से हाई प्रदूषण वाले क्षेत्रों में दिल्ली में सामान्यरूप से परिचालित नहीं हो पा रही थीं। बीएस-4 मानक वाहनों पर लगी रोक और प्रदूषण की समस्या को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने अप्रैल 2025 से इन बसों को बीएस-6 मानक में अपग्रेड करने का निर्णय लिया है। बीएस-6 मानक की तकनीक अधिक पर्यावरण-अनुकूल है, जिससे प्रदूषण में कमी आने की उम्मीद है।
नवीनतम तकनीक और पर्यावरण के लिए बदलाव
सोनीपत से बीएस-4 बसों का संचालन करीब पांच वर्ष पहले शुरू हुआ। तब से ये बसें स्थानीय और लंबे रूट पर चल रही थीं, लेकिन अब दिल्ली में बीएस-4 वाहनों पर प्रतिबंध लगने के चलते इनमें से कुछ रूटों का संचालन रोक दिया गया है। बीएस-6 मानक वाली बसें इस समस्या का समाधान करेंगी और प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों को मजबूती प्रदान करेंगी।
सरकार का उद्देश्य और भविष्य
यह निर्णय हरियाणा सरकार के प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों को और अधिक मजबूती प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा। बीएस-6 वाहनों के माध्यम से प्रदूषण में कमी आने की संभावनाएँ हैं, जिससे नागरिकों को एक स्वच्छ वातावरण प्राप्त हो सकेगा। इस नई नीति के तहत, बीएस-4 वाहनों का नष्ट किया जाना नहीं, बल्कि सुधार और वैकल्पिक प्रबंधन की दिशा में कदम उठाना अपेक्षित है, जिससे भविष्य में इसी प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े।
इस प्रकार, हरियाणा में ट्रैफिक नियमों और प्रदूषण नियंत्रण को लेकर प्रारंभ की गई ये नई और ऊर्जावान योजनाएं न केवल राज्य के नागरिकों के लिए, बल्कि समस्त पर्यावरण के लिए एक सकारात्मक बदलाव का संकेत देती हैं।