अस्पताल की लिफ्टें बंद, मरीजों को हो रही भारी दिक्कतें!
मरीज और उनके अटैंडरों को करना पड़ रहा दिक्कतों का सामना
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। आगर रोड पर स्थित चरक भवन, संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल, उच्चतम स्वास्थ्य सेवाओं का दावा तो करता है लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। यहां की व्यवस्थाएं, जो कि आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं, अव्यवस्थाओं के कारण मरीजों और उनके अटैंडरों के लिए एक बड़ी समस्या बन गई हैं।
लिफ्टों की दिक्कतें
चरक हॉस्पिटल में कुल 10 लिफ्टें हैं, जिनमें से 5 लिफ्टें काम कर रही हैं, जबकि बाकी बंद पड़ी हैं। जो लिफ्टें चालू हैं, उनकी हालत भी बहुत अच्छी नहीं है। अक्सर ये लिफ्टें मेंटेनेंस की कमी के कारण बंद हो जाती हैं या रुक जाती हैं, जिससे मरीजों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
- बंद लिफ्टें: 5 लिफ्टें स्थायी रूप से बंद हैं।
- चालू लिफ्टें: मेंटेनेंस की कमी के कारण अक्सर बंद हो जाती हैं।
सुरक्षा का सवाल
जिन लिफ्टों का उपयोग किया जा रहा है, उनकी गुणवत्ता भी चिंताजनक है। लिफ्टों के सेंसर खराब हो चुके हैं, जिससे दरवाजे सही तरीके से बंद नहीं होते और कई बार लिफ्ट अटक भी जाती हैं। यह स्थिति न केवल मरीजों के लिए, बल्कि उनके अटैंडरों के लिए भी खतरनाक साबित हो रही है।
ग्राउंड फ्लोर के लिए माइनस 1 बटन
अस्पताल की एक लिफ्ट में तो ग्राउंड फ्लोर जाने का बटन ही नहीं है, इसके बजाय माइनस 1 का बटन लगा हुआ है। कई लोग इसके बारे में unaware हैं और वे फ्लोर 1 पर उतरकर सीढ़ियों का उपयोग करते हैं। यह स्थिति और भी अनावश्यक कठिनाई पैदा करती है।
स्वच्छता का अभाव
लिफ्टों के अंदर गुटखा और पान की पिचकारी की वजह से साफ-सफाई की स्थिति बेहद खराब है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण, लिफ्टों के अंदर की सफाई लंबे समय से नहीं की गई है। इसमें घातक बदबू भी फैली हुई है, जो कि अस्पताल के माहौल को और भी खराब बनाती है।
- स्वच्छता का अभाव: गंदगी के कारण चिकित्सा सेवाओं पर नकारात्मक असर।
- बदबू: लिफ्टों के अंदर की सफाई ना होने से स्वास्थ्य पर खतरा।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
इस स्थिति पर अस्पताल प्रशासन की जिम्मेदारी से संबंधित डॉ. अजय दिवाकर, सिविल सर्जन, का कहना है कि वे अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर रहे हैं। लेकिन जब दावों और हकीकत का अंतर देखने को मिलता है, तो यह सवाल उठता है कि क्या वास्तव में मरीजों की सेहत का ख्याल रखा जा रहा है?
निष्कर्ष
चरक भवन जैसे अस्पतालों को अपने दावों के अनुसार काम करने की जरूरत है। मरीजों और उनके अटैंडरों को जिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, उसे तुरंत सुलझाने की प्रक्रिया को लागू करना चाहिए।
आवासीय सुविधाओं से लेकर सम्पूर्ण स्वच्छता के पहलुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है। यह सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं का मामला नहीं है, बल्कि मरीजों की भलाई की जिम्मेदारी भी है।
इस पूरी स्थिति पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का समाधान किया जा सके और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें।
आखिरकार, हर मरीज की जिंदगी की कीमत होती है और हमें इसे समझना होगा।