झारखंड में शराब नीति 2025: विदेशी शराब सस्ती, बीयर महंगी होने जा रही है!
Liquor Policy 2025: झारखंड में शराब बिक्री में बड़ा बदलाव
झारखंड सरकार ने हाल ही में शराब बिक्री को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। ‘झारखंड उत्पाद (मदिरा की खुदरा बिक्री के लिए दुकानों की बंदोबस्ती एवं संचालन) नियमावली 2025’ के तहत, राज्य में शराब की खुदरा बिक्री अब निजी हाथों में सौंपी जाएगी। वहीं, थोक बिक्री की जिम्मेदारी झारखंड बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के पास रहेगी। यह निर्णय राज्य में शराब के बाजार को और अधिक प्रतिस्पर्धात्मक बनाने का प्रयास है।
विदेशी शराब पर वैट कमी
नई नियमावली के अनुसार, विदेश से आयातित शराब पर वैट की दर को काफी कम किया गया है। इससे यह संकेत मिल रहा है कि राज्य में विदेशी शराब पहले से कहीं ज्यादा सस्ती हो सकती है। हालांकि, इसके लिए अंतिम दरों पर अभी कैबिनेट की मंजूरी आनी बाकी है। यह बदलाव तब हो रहा है जब राज्य में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
बीयर और देशी शराब की कीमतों में बढ़ोतरी
- बीयर की कीमतों में लगभग ₹10 की बढ़ोतरी हो सकती है।
- देशी शराब की बिक्री बढ़ाने के लिए उत्पाद शुल्क में कटौती की गई है।
- यह सामान्यत: महुआ चुलाई जैसी अवैध शराब की कीमतों के बराबर पहुँच सकती है।
इस नई नीति का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि सरकार बीयर और देशी शराब की बिक्री को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है, ताकि जनसामान्य पर उपलब्धता बढ़ाई जा सके। इस संदर्भ में, विदेशी शराब की सस्ती बिक्री को प्रोत्साहित करने से अवैध शराब की बिक्री पर नियंत्रण पाने में सहायता मिलेगी।
बिक्री में बड़ा उछाल
राज्य सरकार का आकलन है कि नई नीति के माध्यम से विदेशी शराब की बिक्री में 250% तक और देशी शराब की बिक्री में 500% तक बढ़ोतरी संभव है। इससे न केवल राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि अवैध शराब की बिक्री पर भी गंभीर नियंत्रण स्थापित हो सकेगा। इसे ध्यान में रखते हुए, राज्य का यह कदम एक बड़ी संभावनाओं की चाबी बन सकता है।
कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णय
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कुल 17 प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण झारखंड उत्पाद नियमावली 2025 का प्रस्ताव था। इसकी जानकारी कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने दी। इस नई नीति के अंतर्गत, राज्य में शराब दुकानों का आवंटन अब लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा।
- राज्य में वर्तमान में 1453 शराब दुकानें संचालित हैं।
- एक व्यक्ति को अधिकतम 36 दुकानें आवंटित की जा सकेंगी।
इस प्रणाली से प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा और दुकानदारों की मनमानी को भी कम किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त, शराब की कीमतों पर नियंत्रण के लिए MRP से अधिक वसूली करने वाले दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नई नीति के कार्यान्वयन की समयसीमा
नई उत्पाद नीति को लागू करने में लगभग एक महीने का समय लग सकता है। यह समय प्रक्रिया को व्यवस्थित करने और सभी वर्गों को इससे लाभ पहुँचाने के लिए निर्धारित किया गया है। सचिव मनोज कुमार ने आश्वासन दिया है कि नई नियमावली लागू होने के बाद आवश्यक व्यवस्थाओं पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि अव्यवस्थाओं को दूर किया जा सके।
लंबे समय से झारखंड में शराब नीति को लेकर व्याप्त समस्याओं का समाधान करने के लिए यह नई नियमावली एक सकारात्मक कदम है। इससे केवल सरकारी राजस्व में वृद्धि ही नहीं हो रही, बल्कि स्थानीय व्यवसाय को बढ़ावा देने का भी अवसर मिलेगा। विभिन्न पहलों के माध्यम से, झारखंड सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि शराब का वितरण और बिक्री नियंत्रित तरीके से की जाए, जिससे जनता और समाज के लिए हितकारी वातावरण बने।