हरियाणा में बढ़ते कोरोना के बीच, तैयार किए जा रहे हैं नए आइसोलेशन बेड!
हरियाणा में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच आइसोलेशन बेड की तैयारी
कोरोना महामारी ने पिछले कुछ वर्षों में दुनियाभर में काफी हलचल मचाई है। इस दौरान हरियाणा भी इससे अछूता नहीं रहा। वर्तमान में बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए हरियाणा सरकार ने अस्पतालों को आइसोलेशन बेड तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस प्रकरण में स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
आइसोलेशन बेड की तैयारियों की आवश्यकता
हरियाणा सरकार ने सभी सिविल सर्जनों को निर्देश दिए हैं कि वे हाई रिस्क वाले मरीजों पर कड़ी नज़र रखें। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को निम्नलिखित तैयारियों की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं:
- पर्याप्त आइसोलेशन बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
- आक्सीजन की आपूर्ति की निगरानी करें।
- आवश्यक एंटीबायोटिक्स, पीपीई किट, और एन-95 मास्क की उपलब्धता रखी जाए।
- स्वास्थ्य सुविधाओं में समर्पित ‘फ्लू कॉर्नर’ स्थापित करें।
स्वास्थ्य मंत्री की अपील
स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने नागरिकों से कहा है कि उनकी स्वास्थ्य और सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि वे सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करें और मास्क पहनना न भूलें। उनका कहना है कि “कोरोना को लेकर हमारे सभी प्रयास केवल तभी सफल होंगे जब हम सभी सतर्क और सक्रिय रहें।”
कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण
स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए कोविड-19 से संबंधित ज्ञान को सुदृढ करने हेतु रिफ्रेशर प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया जाएगा। इस प्रशिक्षण में कर्मचारियों को निम्नलिखित विषयों पर जानकारी दी जाएगी:
- कोविड-19 के संकेत और लक्षण
- रोग प्रबंधन के दिशा-निर्देश
- शुरुआती जांच और उपचार प्रक्रिया
क्या करें जब लक्षण दिखाई दें
अगर किसी को कोविड-19 के लक्षण दिखते हैं, तो उन्हें निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:
- स्वयं को आइसोलेट करें और अन्य लोगों से दूरी बनाएं।
- नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या डॉक्टर से संपर्क करें।
- कोविड-19 परीक्षण करवाने का प्रयास करें।
- कोविड-19 के लक्षणों के बारे में जानकारी रखें और ध्यान से निगरानी करें।
निष्कर्ष
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच हरियाणा सरकार का यह कदम न केवल स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, बल्कि यह नागरिकों के प्रति उनकी जिम्मेदारी को भी दर्शाता है। सभी को चाहिए कि वे सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करें और सभी प्रोटोकॉल को अपनाते हुए स्वयं को और अपने परिवार को सुरक्षित रखें। इस प्रक्रिया में नागरिकों की सक्रिय भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है। यदि हम सभी मिलकर इस दिशा में प्रयास करें, तो हम निश्चित रूप से इस महामारी को नियंत्रित कर सकेंगे।
आगे बढ़ते हुए, हमें उम्मीद है कि ये प्रयास न केवल महामारी के प्रकोप को कम करेंगे, बल्कि समुदाय में एक सकारात्मक मानसिकता को भी उत्पन्न करेंगे।