भिवानी विद्यालय में मानव श्रृंखला बनाकर शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

(भिवानी समाचार) लोहारू। स्थानीय राजकीय मॉडल संस्कृति वमा विद्यालय में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और भारतीय सेना के अद्वितीय शौर्य को समर्पित कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य आतंकवाद के विरुद्ध सेना के पराक्रम को जन-जन तक पहुंचाना और युवाओं में राष्ट्रभक्ति की भावना जागृत करना था। यह कार्यक्रम दैनिक जागरण एवं जिला शिक्षा अधिकारी भिवानी कार्यालय के दिशा निर्देश पर किया गया।
कार्यक्रम का सार
कार्यक्रम के प्रथम दिन विद्यालय परिसर में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने मिलकर एक मानव श्रृंखला बनाई और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय की प्राचार्य पूनम श्योराण के नेतृत्व में हुआ। उन्होंने छात्रों को सेना के बलिदान और राष्ट्र की रक्षा में उनके योगदान के बारे में प्रेरणादायक पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार फौजी सीमा पर प्रहरी बनकर देश की सेवा करता है, उसी प्रकार हम भी देश हित के छोटे-छोटे काम करके देशभक्ति दिखा सकते हैं।
एकता और देशभक्ति का संदेश
इस आयोजन का मुख्य लक्ष्य छात्रों को एकता और देशभक्ति के प्रति जागरूक करना था। जिला संयोजक कमल शर्मा, यूथ एंड इको क्लब ने छात्रों की श्रृंखला बनवाई तथा उन्हें एकता का महत्व बताया। इसके अलावा, उन्होंने छात्रों को पर्यावरण संरक्षण और देशभक्ति के प्रति जागरूक किया तथा बाल प्रहरी की शपथ दिलवाई।
कार्यक्रम में शामिल महत्वपूर्ण सदस्य
इस कार्यक्रम में विद्यालय के स्टाफ सदस्यों का सहयोग भी सराहनीय रहा, जिसमें उप प्राचार्य उमेद सिंह, मिडिल हेड जगवीर सिंह, महेश कुमार, मुकेश कुमार, मुनेश कुमारी और बबीता रानी शामिल थे। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण मानव श्रृंखला थी, जिसमें छात्रों ने अपनी एकता और बलिदान की भावना को प्रदर्शित किया।
शिक्षा के प्रति जागरूकता
यहाँ कुछ प्रमुख बिंदुओं का सारांश दिया गया है जो इस कार्यक्रम के दौरान साझा किए गए:
- सेना के बलिदान और उनकी भूमिका का सम्मान करना।
- छात्रों को राष्ट्रभक्ति और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करना।
- एकता और सहिष्णुता का महत्व समझाना।
- छोटे-छोटे कार्यों के माध्यम से देश की सेवा करना।
छात्रों ने अपनी भागीदारी से यह साबित किया कि वे केवल कक्षाओं के भीतर नहीं, बल्कि समाज में भी योगदान देने के लिए तत्पर हैं। ऐसे कार्यक्रम हमें याद दिलाते हैं कि केवल बड़े कार्य ही नहीं, बल्कि छोटे कार्य भी राष्ट्र के प्रति हमारी जिम्मेदारी को दर्शाते हैं। अंत में, यह कार्यक्रम न केवल भारतीय सेना को सलाम करने का एक तरीका था, बल्कि युवाओं में एक नई ऊर्जा और जागरूकता लाने का भी एक प्रयास था। ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता है ताकि हम सभी एकजुट होकर आतंकवाद और अन्य चुनौतियों का सामना कर सकें।