अमेरिकी सांसदों ने भारत के आतंकवाद विरोधी रुख की की सराहना, जानें क्यों!
हाल ही में अमेरिका में भारत के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का दौरा बेहद चर्चा में रहा। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने किया। उनके साथ शामिल सांसदों ने अमेरिका की संसद के विदेश मामलों की समिति के सदस्यों के साथ बातचीत की, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख की प्रशंसा की गई। अमेरिकी सांसदों ने भारत को आत्मरक्षा में समर्थन की बात की, विशेषकर हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के संदर्भ में।
भारत और अमेरिका का सहयोग: आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता
आतंकवाद आज की दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है। अमेरिका के सांसदों ने इस विषय पर भारत के रुख की सराहना की। उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुए हमले जैसे आतंकी कृत्यों के लिए दुनिया में कोई स्थान नहीं है।
पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा
प्रतिनिधिमंडल ने विशेष रूप से पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की, जिसमें 26 लोगों की हत्या हुई, जिनमें कई पर्यटक भी शामिल थे। सांसद ब्रायन मास्ट ने कहा कि ऐसे क्रूर हमलों का जवाब देना आवश्यक है।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर चलना होगा
ब्रायन मास्ट ने इस बात पर जोर दिया कि भारत-अमेरिका के रिश्ते मजबूत हैं और दोनों देशों को आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करना होगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि मिलकर काम करने से हम आतंकवाद पर काबू पा सकते हैं।
भारत का आत्मरक्षा का अधिकार
ब्रायन मास्ट के अनुसार, जब आपके ऊपर हमला होता है, तो आपके पास जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता। भारत के प्रति समर्थन दर्शाते हुए उन्होंने कहा कि भारत को ऐसा जवाब देने का अधिकार है।
इस दौरे ने न केवल भारत-अमेरिका के रिश्तों को और मजबूती प्रदान की है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता को भी नया आधार दिया है।
निष्कर्ष
अमेरिकी सांसदों के साथ भारतीय प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात ने यह स्पष्ट किया है कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है और इसके खिलाफ लडाई में सभी देशों को एकजुट होना आवश्यक है। भारत का रुख इस मामले में स्पष्ट है, और किसी भी प्रकार के आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ कड़ा जवाब देने का समर्थन किया जा रहा है। भविष्य में भारत और अमेरिका के बीच इस संकट पर सहयोग और भी बढ़ेगा।