विक्रम नगर की बदलती तस्वीर: फोरलेन निर्माण में तेजी, जून तक डामरीकरण!

उज्जैन में चौड़ीकरण का काम: मंदिर के आसपास फोरलेन रोड का निर्माण
उज्जैन शहर में विक्रम नगर रेलवे स्टेशन के सामने से कोठी पैलेस तक फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल यातायात को सुगम बनाना है, बल्कि शहर की संरचना को भी बेहतर तरीके से विकसित करना है। निर्माण कार्य की प्रगति को देखते हुए नगर निगम प्रशासन ने दावा किया है कि जून तक फोरलेन सड़क पर डामरीकरण का काम पूरा कर दिया जाएगा।
फोरलेन रोड का महत्व
इस फोरलेन सड़क का निर्माण विक्रम नगर से कोठी पैलेस तक एक सीधी और सुविधाजनक यात्रा मार्ग प्रदान करेगा। इससे स्थानीय निवासियों को जिला सत्र न्यायालय और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों तक पहुँचने में सहायता मिलेगी। फोरलेन में किए जा रहे कार्य के दो प्रमुख चरण हैं:
- पहला चरण: देवास रोड से प्रशासनिक संकुल तक फोरलेन का निर्माण पूरा किया जा चुका है।
- दूसरा चरण: कोठी पैलेस से विक्रम नगर तक सड़क का चौड़ीकरण किया जा रहा है।
सड़क चौड़ीकरण की प्रक्रियाएं
इस प्रक्रिया में कई बाधाएँ सामने आई हैं, विशेषकर विश्वविद्यालय के स्टाफ क्वार्टर की बाधा, जिसे हटाने की कार्रवाई चल रही है। यह कार्य नगर निगम द्वारा किया जा रहा है, जिसके तहत बाउंड्रीवाल को पीछे खींचकर रास्ता तैयार किया जा रहा है। निगम की टीम ने हाल ही में कुछ क्वार्टर हटाने का कार्य किया है, और शेष काम भी जल्द पूरा किया जाएगा।
प्रशासनिक संकुल के पास रोटरी का निर्माण
कोठी पैलेस के सामने एक रोटरी बनाने की योजना भी तैयार की गई है। हालांकि, इस कार्य में जमीन अधिग्रहण से संबंधित बाधाएँ आ रही हैं जिससे प्रगति धीमी हो रही है। मगर प्रशासन ने इसे जल्द ही पूरा करने का निर्देश दिया है।
आधुनिकता की हो यात्रा
हाल ही में पूरी हुई पहले चरण की फोरलेन सड़क पर सेंट्रल लाइटिंग का काम भी तेज गति से चल रहा है, जो रात के समय इस मार्ग को रौशनी से भर देगी। जब रोटरी का काम भी पूरा होगा, तब विक्रम नगर और अन्य क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी काफी बढ़ जाएगी।
निष्कर्ष
उज्जैन में फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य स्थानीय निवासी, व्यापारियों और यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण विकास कदम है। इससे न केवल यातायात में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी सहायता मिलेगी। इस प्रकार की संरचनात्मक सुधार न केवल आधुनिकता की ओर बढ़ावा देती हैं, बल्कि स्थानीय संस्कृति और परंपरा को भी ध्यान में रखकर विकसित की जा रही हैं।